पुलवामा हमले पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- ‘कश्मीर में बीजेपी फेल हो गई’

   

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जिस तरह से फिदायीन हमले में 40 से अधिक जवानों की मौत हो गई उसके बाद तमाम राजनीतिक दल, नेता पाकिस्तान पर निशाना साध रहे हैं। लेकिन इस बीच जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने सुरक्षा में हुई चूक पर सवाल खड़ा किया है।

राज्यपाल ने इस बात को स्वीकार किया है कि सीआरपीएफ के जवानों पर यह हमला हमारी चूक की वजह से हुआ है, उन्होंने कहा कि यह खुफिया विभाग की बड़ी चूक है जिसकी वजह से यह हमला हुआ है।

वहीं इस आतंकी हमले के बारे में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि भाजपा जम्मू कश्मीर में फेल हो गई है और वह कश्मीर में जवाबी कार्रवाई करने में भी विफल रही है। लेकिन उन्होंने कहा कि भाजपा खुद को फिर से तैयार कर सकती है और पाकिस्तान को तहस-नहस कर सकती है। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कश्मीर मुख्य मुद्दा होना चाहिए।

वन इंडिया हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, राज्यपाल ने कहा कि जिस जगह पर यह घटना हुई है वहां पर हाईवे पर चेकिंग नहीं की गई। हाईवे पर कोई कार में इतना सारा विस्फोटक लेकर खड़ा था और हमे इसकी भनक भी नहीं लगी। उन्होंने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यह हमला काफी बड़ा था और इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ है।

पिछले कुछ समय से जिस तरह से सेना के जवान आतंकियों के खिलाफ घाटी में कार्रवाई कर रहे हैं उसी वजह से यह बड़ा हमला किया गया है। इस तरह के ऑपरेशन की वजह से पाकिस्तान पर कुछ बड़ा करने का दबाव रहता है।

राज्यपाल मलिक ने कहा कि तमाम ऑपरेशन को सफलतापूर्वक किया गया। ये आतंकी जंगल में छिपे थे, पाकिस्तान इन आतंकियों पर दबाव बनाता रहता है कि वह एक्शन लें। राज्यपाल ने कहा कि यह कार्रवाई पाकिस्तान के दबाव में पाकिस्तान के समर्थन के साथ किया गया है।

वहीं जब सत्यपाल मलिक से पूछा गया कि क्या भारत को एक और सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए, इसपर राज्यपाल ने कहा कि कुछ तो जरूर किया जाना चाहिए और कुछ जरूर किया जाएगा।

घाटी में मुख्यधारा की राजनीति पर भी सत्यपाल मलिक ने निशाना साधा, उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों में महबूबा मुफ्ती के बयान पर नजर डालिए।

जो भी आतंकी मरता था, वह उसके घर जाती थीं। वहीं राज्यपाल के बयान पर महबूबा मुफ्ती ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आखिर क्यों 2000 से अधिक जवानों को एक साथ जाने की इजाजत दी गई।

उन्होंने पूछा कि क्या हवाई यात्रा सिर्फ राजनीतिक वीआईपी के लिए है। हमपर आरोप लगाना आसान है, जम्मू कश्मीर राज्यपाल शासन के तहत है लिहाजा राज्यपाल अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी मलिक के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल का बयान साफ करता है कि यहां खुफिया विभाग की लापरवाही है, यह बयान उन्होंने खुले तौर पर दिया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर प्रदेश में राज्यपाल शासन है तो आखिर इस हमले की जवाबदेही किसकी है।