JNU छात्रों का मंत्रालय के बाहर धरना, VC को हटाने की मांग

   

‘शिक्षा बचाने निकले हैं, आओ हमारे साथ चलो, ‘नेहरू जिंदा है, पेरियार तुम भी जिंदा हो’ जैसे नारों के साथ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के हजारों छात्र-छात्राएं गुरुवार को दिल्ली के मंडी हाउस पर एकत्र हुए। यहां से एक बड़े जुलूस की शक्ल में छात्रों का हुजूम मानव संसाधन विकास मंत्रालय का घेराव करने मंत्रालय के बाहर पहुंचा।

प्रदर्शन कर रहे छात्र जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति को बर्खास्त करने व फीस वृद्धि वापस लेने की मांग कर रहे थे।

छात्रों ने अपनी मांग का यह ज्ञापन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे को सौंपा। ज्ञापन में जेएनयू छात्रों पर हुए हमले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग भी की गई। हालांकि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक अभी दिल्ली में मौजूद नहीं हैं। निशंक एक सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करने चेन्नई गए हैं।

प्रदर्शन के दौरान विपक्षी दलों के कई बड़े नेता छात्रों के साथ रहे। इनमें प्रमुख हैं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, माकपा नेता प्रकाश करात, वृंदा करात, भाकपा नेता डी. राजा, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव, दिल्ली की पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता किरण वालिया और दलित नेता उदित राज।

जेएनयू में 5 जनवरी की रात नकाबपोश हमलावरों ने लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से हमला कर 36 छात्रों और कई प्राध्यापकों को जख्मी कर दिया था। इस वारदात के खिलाफ गुरुवार को हुए प्रदर्शन में जेएनयू के अलावा जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी, मुंबई, चेन्नई, पंजाब व चंडीगढ़ समेत देश के कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने हिस्सा लिया।

मंडी हाउस से करीब 2 किलोमीटर पैदल मार्च करने के बाद प्रदर्शनकारी छात्र व नेता मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्य सड़क पर बैठकर धरना दिया। इस दौरान छात्रों ने जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की।

हमले में घायल जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष हाथ व सिर में पट्टियां बंधी होने के बावजूद प्रदर्शन में शामिल हुईं। छात्रसंघ सचिव सतीश यादव फैकेल्टियों और छात्रों के प्रतिनिधिमंडल के साथ आइशी घोष ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय में अधिकारियों से मुलाकात की।