JNU की स्थापना के पीछे नूर हसन का दिमाग था- RSS विचारक

   

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के विचारक एस गुरुमूर्ति ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय का डीएनए देश विरोधी है और इसे सुधारने की जरूरत है, अगर सुधारा नहीं जाता तो जेएनयू को बंद कर दिया जाना चाहिए।

 

 

इंडिया टीवीी न्यूज़ डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, एस गुरुमूर्ति ने कहा है कि जेएनयू की स्थापना का इतिहास भारत विरोधी रहा है, इसकी स्थापना देश के पूर्वजों, परंपरा, अध्यात्म और मूल्यों का विरोध करने के लिए की गई थी।

 

एस गुरुमूर्ति ने कहा कि 1969 में जब कांग्रेस पार्टी का बंटवारा हुआ और वाम दलों ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया तो वाम दलों ने समर्थन के बदले सिर्फ एक बात मांगी।

गुरुमूर्ति ने कहा उस समय वाम दलों ने इंदिरा गांधी से समर्थन के बदले कहा कि आप अपने पास जो चाहे रख लो लेकिन हमें सिर्फ शिक्षा विभाग दे दो, और उसके बाद नूर हसन शिक्षा मंत्री बने।

गुरुमूर्ति ने कहा कि जेएनयू की स्थापना के पीछे नूर हसन का ही दिमाग था कि विश्वविद्यालय को कैसे बनाया और चलाया जाए और किस विचारधारा को विश्वविद्यालय में फैलाया जाए। गुरुमूर्ति मंगलवार को चेन्नई में तुगलक मैगजीन के कार्यक्रम में बोल रहे थे।

गुरुमूर्ति ने कहा कि 1982 के दौरान जेएनयू कांग्रेस पार्टी के खिलाफ हो गई थी और देश के भी खिलाफ बाते उठाने लगी थी, और उस साल पुलिस पर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के अंदर घुसकर छात्रों से मारपीट का आरोप लगा।

 

गुरुमूर्ति ने बताया कि उस समय 43 दिनों तक जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय बंद रहा था और इस बार जो हो रहा है वह नया नहीं है। गुरुमूर्ति ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सुधार की जरूरत है और अगर ऐसा नहीं होता तो इस विश्वविद्यालय को बंद कर देना चाहिए।

 

एस गुरुमूर्ति जिस कार्यक्रम में बोल रहे थे उसमें सुपरस्टार रजनीकांत भी मौजूद थे, रजनीकांत ने अपने संबोधन में तुगलक मैगजीन की प्रसंशा करते हुए कहा कि अगर आप किसी के हाथ में मुरासोली मैगजीन देखें तो आप कह सकते हैं कि उसका संबंध डीएमके पार्टी से है और अगर किसी के पास तुगलक मैगजीन देखें तो आप कह सकते हैं कि वह प्रतिभाशाली व्यक्ति है।