JNU- छात्रों पर हमले के मामले में FIR दर्ज कराने के लिए प्रोफेसर ने अदालत का रुख किया

,

   

दिल्ली की अदालत ने जेएनयू के एक प्रोफेसर की याचिका पर पांच मई को सुनवाई के लिए तैयार हो गई, जिसमें उन्होंने पांच जनवरी को विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों पर हुए हमले के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने का अनुरोध किया है। प्रोफेसर सुचित्रा सेन की मामले की जल्द सुनवाई की याचिका पर अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करने का फैसला किया।

उल्लेखनीय है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कुछ नकाबपोश लोगों ने हमला किया था,जिसमें सेन के सिर पर भी चोट लगी थी। सेन ने कहा कि मामले में तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने की जरूरत है क्योंकि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ही मामले की जांच होगी। अदालत ने फरवरी में संबंधित थाना प्रभारी को मामले में कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) पेश करने का निर्देश दिया था।

सेन ने अपनी याचिका में प्राथमिकी दर्ज कराने का अनुरोध किया है। याचिका में सेन ने कहा कि उन्होंने अदालत का रुख किया है क्योंकि स्पष्ट और ठोस सबूत होने बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। सेन ने रेखांकित किया कि घटना से जुड़े सबूत उन्होंने पुलिस के समक्ष भी रखे हैं।

गौरतलब है कि पांच जनवरी को डंडे और छड़ के साथ आए नकाबपोश लोगों ने जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों पर हमला किया था और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी और सुरक्षा बलों ने परिसर में फ्लैग मार्च किया।

इस हमले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आयशी घोष सहित 28 लोग घायल हुए थे और दो घंटे तक परिसर में अफरा-तफरी का माहौल था। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री और जेएनयू के पूर्व छात्र एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण ने हिंसा की निंदा की थी।

भाषा