जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रसंघ चुनाव में यहां मंगलवार को सभी चार पदों पर वामपंथी दलों के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुमति मिलने के आद विश्वविद्यालय ने देर शाम परिणाम घोषित किए।
देर शाम तक चली मतगणना के बाद स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की आइशी घोष अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुईं। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के मनीष जांगिड़ को 1,175 वोटों के अंतर से पराजित किया।
Left sweeps #JNUSUelections2019: Aishe Ghosh of the Students' Federation of India (SFI) defeated Manish Jangid of the Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad (ABVP) by a margin of 1,175 votes. #JNUSUresults https://t.co/aQCtBXYlfc
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) September 17, 2019
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
Results of the JNU Students Union elections 2019-20 have been officially declared. The United Left alliance of SFI, DSF, AISA & AISF wins all 4 office-bearer posts with thumping majorities. Aishe Ghosh of SFI elected President by a margin of 1185 votes.#JNUSUelections2019 pic.twitter.com/kE8ZEyo0Kb
— SFI JNU Unit (@sfijnuunit) September 17, 2019
चुनाव समिति की तरफ से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि छात्र संगठनों -आइसा, एसएफआई, एआईएसएफ, डीएसएफ- की लेफ्ट यूनिटी ने सभी चार पदों -अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पर जीत दर्ज की है।
https://twitter.com/jnu_voice/status/1173936442701017088?s=19
आइसा के सतीश चंद्र यादव महासचिव पद पर 2,518 मतों से विजयी हुए हैं। डीएसएफ के साकेत मून उपाध्यक्ष पद पर विजयी हुए हैं, और उन्हें 3,365 वोट मिले, जबकि एआईएसएफ के मोहम्मद दानिश 3295 वोट पाकर संयुक्त सचिव के पद पर विजयी हुए हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेएनयू चुनाव समिति को अनुमति दी कि छह सितंबर को हुए छात्रसंघ चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए जाएं, और उसके बाद परिणाम घोषित किए गए। अदालत ने जेएनयू को लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुरूप चुनाव परिणाम को अधिसूचित करने की भी अनुमति दी।
जेएनयूएसयू के परिणाम घोषित करने पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी, क्योंकि जेएनयू के विद्यार्थियों अंशुमान दुबे और अमित कुमार द्विवेदी ने याचिकाएं दायर की थीं।
एक याचिकाकर्ता की शिकायत थी कि विश्वविद्यालय की चुनाव समिति ने काउंसिलर सीटों की संख्या 55 से घटाकर 46 कर दी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि यह लिंगदोह समिति की सिफारिशों के खिलाफ है, जो प्रत्येक स्कूल या विभाग को छात्रसंघ में अपना प्रतिनिधि भेजने की स्वीकृति देती है।