जॉनसन एंड जॉनसन पर करीब 4,100 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका गया

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अमेरिका के ओकलाहोमा राज्य के एक जज ने नशीली दवाओं के इस्तेमाल से जुड़े ओपॉयड संकट मामले में दिग्गज अमेरिकी हेल्थ केयर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पर 57.2 करोड़ डॉलर (करीब 4,100 करोड़ रुपये) का जुर्माना ठोका है।

जागरण डॉट कॉम के अनुसार, जज ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ने जानबूझकर ओपॉयड के खतरे को नजरअंदाज किया और अपने फायदे के लिए डॉक्टरों को नशीली दर्दनिवारक दवाएं लिखने के लिए मनाया।

जज ने हालांकि राज्य सरकार की ओर से ओपॉयड पीड़ितों के उपचार के लिए मांगी गई राशि के मुकाबले जॉनसन एंड जॉनसन को काफी कम भुगतान करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने 17 अरब डॉलर (करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये) की मांग की थी।

ओकलाहोमा की क्लेवलैंड काउंटी की जिला अदालत के जज थाड बाल्कमैन ने अपने फैसले में गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा, जॉनसन एंड जॉनसन ने राज्य के कानून का उल्लंघन किया।

कंपनी की गलत, भ्रामक और खतरनाक मार्केटिंग के कारण तेजी से नशे की लत बढ़ी और ओवरडोज से मौत के मामले सामने आए। राज्य के प्रमुख अटार्नी ब्राड बैकवर्थ ने कहा, ‘हमने यह साबित किया कि इस ओपॉयड संकट का मूल कारण जॉनसन एंड जॉनसन है। इसने 20 साल के दौरान इससे अरबों डॉलर की कमाई की।’

फैसले पर जॉनसन एंड जॉनसन की वकील सबरीना स्ट्रांग ने कहा, ‘हमारे पास अपील करने का मजबूत आधार है और हम पूरे जोश के साथ इसे चुनौती देंगे।’

जबकि कंपनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष माइकल उल्लमन ने कहा, ‘ओकलाहोमा में जानसेन के कारण ओपॉयड संकट खड़ा नहीं हुआ। हमने यह पाया है कि ओपॉयड संकट सार्वजनिक स्वास्थ्य का जटिल मामला है। इससे प्रभावित हर किसी के साथ हमारी गहरी सहानुभूति है।’

तस्मानिया में अफीम की खेती करने वाले लोगों से करार करने वाली जॉनसन एंड जॉनसन करीब 60 फीसद मादक पदार्थो की आपूर्ति करती थी। इसके उपयोग से दवा बनाने वाली कंपनियां ऑक्सीकोडोन जैसी ओपॉयड दवाएं बनाती थीं।

जॉनसन एंड जॉनसन की सहयोगी कंपनी जानसेन फार्मास्यूटिकल्स अपनी खुद की ओपॉयड दवा बनाने लगी थी। इस गोली का अधिकार साल 2015 में बेच दिया गया था।

अफीम से बनने वाली दर्द निवारक दवाओं को ओपॉयड कहा जाता है, लेकिन कुछ लोग इसका नशे के लिए प्रयोग करते हैं। अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एजेंसी के अनुसार, देश में ओपॉयड के चलते साल 1999 से 2017 के दौरान करीब चार लाख लोगों की मौत हुई।

जज के फैसले पर ओपॉयड दवा बनाने वाली करीब दो दर्जन कंपनियों की नजर थी क्योंकि इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों, वितरकों और विक्रेताओं पर अमेरिका में इसी तरह के करीब ढाई हजार मुकदमे चल रहे हैं।

जॉनसन एंड जॉनसन मामले में ही आरोपित दो अन्य दवा कंपनियां अमेरिका की पड्यरू फार्मा और इजरायल की टेवा ओकलाहोमा के साथ पहले ही समझौता कर चुकी हैं। पड्यरू 27 करोड़ डॉलर (करीब 1,900 करोड़ रुपये) और टेवा 8.5 करोड़ डॉलर (करीब 600 करोड़ रुपये) का भुगतान करने पर सहमत हुईं।