जार्डन के सुल्तान ने रविवार को घोषणा की कि इजरायल द्वारा पट्टे पर ली गई जमीन के दो टुकड़े जार्डन की ‘पूर्ण संप्रभुता’ को वापस कर दिए जाएंगे। दोनों देशों ने अपने ऐतिहासिक शांति समझौते की 25वीं वर्षगांठ के रूप में चिह्नित किया है।
Amid mounting domestic public pressure last year, Jordan's king said he would not renew land deal with Israel.
Today, Jordan received two stretches of land it had allowed Israel to use for decades. https://t.co/mdSZRcDH4j
— Al Jazeera English (@AJEnglish) November 10, 2019
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, रविवार को जैसे ही पट्टे की अवधि समाप्त हो गई, वैसे ही सीमा पर फाटक बंद कर दिए गए। एएफपी ने बताया कि इजरायल को इस भूमि पर प्रवेश से रोक दिया गया। इसे जॉर्डन और इजरायल के बीच बिगड़ते संबंधों के संकेत के रूप में देखा जा रहा था।
A deal dating from Israel’s historic 1994 peace treaty with Jordan allowing Israeli farmers to lease two sites along their common border runs out on Sunday, but the tenants say that nobody has told them what happens the day after.https://t.co/alaJzMXU53
— Al Arabiya English (@AlArabiya_Eng) November 8, 2019
इजराइल का 70 वर्षो से अधिक समय से कृषि भूमि पर कब्जा है। 1994 के शांति समझौते के तहत इन क्षेत्रों को इस धारणा के साथ पट्टे पर देने की अनुमति दी गई थी कि इसे एक बार फिर से बढ़ाया जाएगा।
इजराइल को समाधान मिलने की उम्मीद थी। लेकिन सुल्तान की घोषणा से इसके खत्म होने और जार्डन के इसी सप्ताह इलाके पर नियंत्रण कर लेने के आसार हैं।
https://twitter.com/Ruptly/status/1193616739776565250?s=19
बता दें कि 1994 की शांति संधि के तहत इजरायल के किसान नहरईम और तजोफर के जार्डन क्षेत्रों में भूमि पर खेती कर सकते थे। इसे अरबी में बाकुरा और गरम के रूप में जाना जाता है।
1994 की शांति संधि के तहत नियंत्रित करने वाला पट्टा किया गया था। हालांकि किंग अब्दूल्ला ने पिछले साल घोषणा की थी उन्होंने पट्टे को समाप्त करने की योजना बनाई थी। उस समय इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि वार्ता की उम्मीद बनी हुई है।