इमरान ख़ान के लिए इस वक्त बुरा दौर चल रहा है। पुरा विपक्ष इमरान ख़ान सरकार के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रही है। इमरान ख़ान को सिर्फ़ दो दिनों की मोहलत दी गई है
Azadi March: PPP, PML-N to stay away from sit-in announced by JUI-Fhttps://t.co/Cn8JKtuHLG pic.twitter.com/UTKtVfaBeV
— Zee News English (@ZeeNewsEnglish) November 2, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग के साथ आजादी मार्च का नेतृत्व करने वाले जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेता फजलुर रहमान ने इस्लामाबाद में धरने का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफे के लिए दो दिन का अल्टीमेटम दिया है।
Azadi March can’t last for even two days: Sindh Governor https://t.co/h3WRMX02CQ pic.twitter.com/28ltSFzybS
— Dunya News (@DunyaNews) November 1, 2019
मौलाना फजल ने इस्लामाबाद के मेट्रो ग्राउंड पर विशाल सभा में कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा देने और राष्ट्रीय प्रतिष्ठानों द्वारा इस सरकार का समर्थन बंद करने के लिए वे दो दिन की मोहलत दे रहे हैं।
#AzadiMarch Molana Fazal ur Rehman gives two days dead line to #PMImranKhan to resign.#Azadi_March pic.twitter.com/X6SyDp8hHr
— Tariq Mahmood Malik (@TM_Journalist) November 1, 2019
इस सभा में पाकिस्तान के विपक्षी दलों के तमाम वरिष्ठ नेता भी हिस्सा ले रहे हैं। मौलाना ने कहा कि वे राष्ट्रीय प्रतिष्ठानों के साथ टकराव नहीं बल्कि इनका स्थायित्व चाहते हैं। लेकिन, इसके साथ-साथ इन्हें निष्पक्ष भी देखना चाहते हैं।
https://twitter.com/pakistaninews/status/1190503306424193024?s=19
उन्होंने कहा, अगर हम महसूस करेंगे कि इस नाजायज हुकूमत के पीछे प्रतिष्ठान हैं और वे इसकी सुरक्षा कर रहे हैं तो फिर दो दिन की मोहलत है, उसके बाद हमें न रोका जाए कि हम प्रतिष्ठानों के बारे में क्या राय बनाएं।
प्रधानमंत्री इमरान खान के पास इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय है। अन्यथा, इस विशाल जनसमूह के पास यह ताकत है कि वह प्रधानमंत्री के घर जाकर उन्हें गिरफ्तार कर ले।
मौलाना ने कहा कि यह प्रदर्शन किसी एक दल का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का है। सभी का यही कहना है कि आम चुनाव एक फ्रॉड था और अवाम धांधली का शिकार हुए थे।
बहुत मोहलत दे दी, अब और नहीं दे सकते। इस सरकार को जाना होगा। देश यही चाहता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वादे के मुताबिक, पचास लाख घर बनाने के बजाए पचास लाख घर गिरा दिए।
एक करोड़ नौकरियां देने के बजाए पच्चीस लाख लोगों को बेरोजगार कर दिया। अवाम को ऐसे अक्षम हुक्मरानों के रहमो-करम पर नहीं छोड़ा जा सकता।