कश्मीर में इमरजेंसी से भी बुरे हालात हैं- फारुक अब्दुल्लाह

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शेर-ए-कश्मीर भवन जम्मू में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की बैठक हुई। बैठक में पार्टी के नेताओं ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1975 की इमरजेंसी से भी बुरे हालात हैं। क्षेत्रीय दलों के शीर्ष नेताओं को घरों में कैद कर उन पर पाबंदियां लगाई गई हैं। भाजपा ने ऐसा कर आपात इतिहास को दोहराया है।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में सरकार हालात सामान्य दिखाने की कोशिश कर रही है, तो जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र में क्षेत्रीय दलों के नेताओं पर पाबंदियां क्यों लगाई गई हैं। नेकां अध्यक्ष व सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला के साथ उपप्रधान उमर अब्दुल्ला को छह दिन से घरों में कैद किया गया है।

लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसा क्यों किया जा रहा है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। बकरीद पर सभी नेताओं पर लगी पाबंदियों को तत्काल हटाया जाए।