कल्बे जव्वाद ने मॉब लिंचिंग से बचने के लिए चलाए जाने वाले प्रोग्राम को स्थगित किया!

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शिया धर्मगुरु कल्बे जवाद द्वारा मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा की गई मारपीट) पर दिये गए बयान के बाद यू-टर्न ले लिया गया है। उन्होंने लखनऊ में 26 जुलाई को मॉब लिंचिंग से बचने के लिए कैंप लगाए जाने के कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया है।

राजधानी लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलाना कल्बे जवाद ने मुसलमानों से अपील की थी कि वे आत्मरक्षा के लिए हथियार खरीदें। 26 जुलाई को लखनऊ में मुसलमानों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को मॉब लिंचिंग से आत्मरक्षा के लिए एक कैंप लगाए जाने की तैयारी थी, लेकिन इस घोषणा पर विवाद बढ़ता देख उन्होंने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।

लखनऊ में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा ने कल्बे जवाद से मुलाकात के बाद कहा था कि मॉब लिंचिंग से आत्मरक्षा के लिए एक कैंप लगाया जाएगा। इस कैंप में हथियार के लिए कैसे अप्लाई किया जाए, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।

न्यूज एजेंसी एएनआइ से बातचीत में जवाद ने कहा है कि महमूद पराचा दलित, मुस्लिम और समाज के वंचित तबके के लोगों को हथियार मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने वाले थे।

लोगों को हथियार के लाइसेंस प्राप्त करने के लिए क्या करना पड़ता है, यह जानकारी नहीं है, लेकिन मीडिया ने हमारी बातों को गलत तरीके से प्रस्तुत कर दिया। हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने की बात बिल्कुल सही नहीं थी।

जागरण डॉट कॉम के अनुसार, मौलाना कल्बे जवाद ने मुसलमानों से अपील की थी कि वे आत्मरक्षा के लिए हथियार खरीदें। उन्होंने कहा था कि मॉब लिंचिंग मुसलमानों के एनकाउंटर का नया रूप है। कल्बे जवाद ने कहा था कि मॉब लिंचिंग, जिसके बारे में सोचकर ही दिल कांप उठता है।

कल्बे जवाद ने मॉब लिंचिंग पर दुख जताते हुए कहा था कि 26 जुलाई को लखनऊ के बड़े इमामबाड़े में एक आम जलसा कर मॉब लिंचिंग का विरोध किया जाएगा और आत्मरक्षा के लिए कानूनी हथियार के इस्तेमाल की जानकारी दी जाएगी। इस दौरान हथियार का लाइसेंस लेने के लिए लोगों को जानकारी देने के साथ जागरूक भी किया जाएगा।