कर्नाटक हाई कोर्ट ने टीपू सुल्तान जयन्ती कार्यक्रम को रद्द करने के बीजेपी सरकार के फैसले पर रोक तो नहीं लगाई लेकिन सरकार को ये हिदायत दी कि 2 महीने के अंदर सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे।
Reconsider decision to cancel Tipu Sultan’s birth anniversary celebrations: Karnataka HC to state govthttps://t.co/VU8krpym9A
— The Indian Express (@IndianExpress) November 6, 2019
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, चीफ जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका और जस्टिस एस आर कृष्णकुमार की खण्डपीठ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि मुख्यमंत्री येदियुरप्पा का ये फैसला प्रथम दृष्टया पक्षपातपूर्ण लगता है, कोर्ट ने कहा कि जो लोग 10 नवम्बर को टीपू जंयती का आचरण करेंगे उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
Tipu Sultan row: Karnataka HC asks state government to reconsider decision to cancel Tipu Jayanti.https://t.co/niVaN51H3I
— TIMES NOW (@TimesNow) November 7, 2019
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2020 के तीसरे सोमवार तक टाल दी और सरकार को कहा कि वो अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और इस बात का ध्यान रखे कि बाकी 28 हस्तियों की जयन्ती मनाने वाली सरकार को सिर्फ टीपू सुल्तान की जयन्ती मनाने पर ही क्यों आपत्ति है।
बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस फैसले को टीपू सुल्तान यूनाइटेड फ्रंट नामक संस्था ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।