करतारपुर कॉरिडोर सिख तीर्थयात्रियों के लिए स्वागत के लिए तैयार है- इमरान ख़ान

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने फोटो शेयर कर कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर सिख तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है

550 जयंती
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, रविवार को कहा कि करतारपुर कॉरिडोर गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती समारोह पर सिख तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है।

उन्होंने यह बात ट्विटर पर करतारपुर परिसर और गुरुद्वारा दरबार साहिब की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए कही।

इन तस्वीरों को खान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 9 नवंबर को करतारपुर गलियारे के उद्घाटन से पहले साझा किया। वर्ष 2019 सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती वर्ष है, जिनका जन्मस्थान पाकिस्तान में श्री ननकाना साहिब है।

समय पर काम होने के लिए बधाई
इमरान ख़ान ने ट्वीट किया, ‘करतारपुर सिख तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने अपनी सरकार को निर्माण कार्य समय पर पूरा करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘मैं गुरु नानक जी के 550 वें जन्मदिन समारोह से पहले रिकॉर्ड समय में करतारपुर को तैयार करने के लिए अपनी सरकार को बधाई देना चाहता हूं।’

सिखों को पाकिस्तान करना चाहता है आकर्षित
बता दें कि पाकिस्तान में सिखों के कई धार्मिक स्थल हैं। ऐसे में इमरान लाखों सिखों को पाकिस्तान आने के लिए आकर्षित करना चाहते हैं।

इससे पहले, उन्होंने करतारपुर आने वाले सिखों को बगैर पासपोर्ट के आने की अमुमति दे दी। यही नहीं उन्होंने उद्घाटन समारोह के दिन और 12 नवंबर सिख गुरु की 550 वीं जयंती पर यहां आने वाले लोगों के लिए 20 डॉलर की सेवा शुल्क को भी हटा दिया था।

इमरान ख़ान का पाकिस्तान में हो रहा है विरोध
करतारपुर गलियारे का उद्घाटन ऐसे समय में हो रहा जब देश की राजधानी इस्लामाबाद में हजारों प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ लामबंद हैं। यह प्रदर्शन मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में हो रहा है। वो इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

बगैर पासपोर्ट के फैसले की आलोचना
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएलएन) के एक नेता एहसान इकबाल और रहमान के सहयोगी ने शनिवार को भारत के सिखों को बगैर पासपोर्ट के प्रवेश की अनुमति देने की इमरान के फैसले की आलोचना की। इकबाल ने इसे भारी भूल बताया।

अंतरराष्ट्रीय सीमा से चार किलोमीटर दूर
गौरतलब है कि करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक मंदिर को करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ेगा, जो अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर है।