क्या केरल में कम होने लगा है कोविड-19 का असर?

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केरल में जनवरी में भारत का पहला कोविड-19 पॉजिटिव केस सामने आया था। लेकिन एक आक्रामक रणनीति की मदद से राज्य में अब बीमारी का कर्व शिथिल होना शुरू हो चुका है।

 

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, केरल वो राज्य है जहां भारत का पहला कोविड-19 पॉजिटिव केस सामने आया था।

 

जनवरी में चीन की वुहान यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक छात्रा जब केरल के थ्रिसूर जिले में अपने घर वापस लौटी तो उसे कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया।

 

 

वुहान वही शहर है जहां से इस वैश्विक महामारी की शुरुआत हुई थी. थ्रिसूर की इस छात्रा को तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया और करीब तीन सप्ताह में वो पूरी तरह ठीक भी हो गई।

 

तब से अब तक केरल ने एक लंबा सफर तय कर लिया है और राज्य सरकार अब दावा कर रही है कि राज्य में बीमारी का ग्राफ गिरने लगा है।

 

राज्य में अभी तक कुल 376 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 179 लोग बीमारी से ठीक हो गए और सिर्फ 20 लोगों की जान गई है। 200 से ज्यादा मामलों वाले राज्यों में इतनी काम मौतें देखने वाला केरल एकमात्र राज्य है।

 

इसके मुकाबले मरने वालों की संख्या महाराष्ट्र में 149 है, मध्य प्रदेश में 36, गुजरात में 25, दिल्ली में 24, तमिलनाडु में 11, तेलंगाना में नौ, आंध्र प्रदेश में सात, कर्नाटक में छह, उत्तर प्रदेश में पांच, जम्मू और कश्मीर में चार, और राजस्थान में तीन।

 

लेकिन इससे ज्यादा जरूरी आंकड़ा केरल में नए मामलों में आई गिरावट का है। रविवार 12 अप्रैल को जहां देश में 796 नए मामले सामने आए वहीं केरल में सिर्फ दो नए मामले आए।

 

राज्य के वित्त मंत्री थॉमस ईसाक का कहना है कि राज्य में कोविड-19 का कर्व अब शिथिल होना शुरू हो चुका है। ईसाक के अनुसार पिछले एक सप्ताह में एक्टिव मामले भी गिर गए हैं और ठीक होने वाले मामले भी बढ़ रहे हैं।