मध्य प्रदेश में मुस्लिम अफसर का बयान, 17 सालों से ‘खान सरनेम की वजह से भुगत रहा हूं’

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक मुस्लिम अफसर के ट्वीट ने विवाद खड़ा कर दिया. पीएचई विभाग में उपसचिव नियाज अहमद खान ने ट्विटर पर उनके साथ एक सीनियर अफसर द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की घटना का पोस्ट किया जिसके बाद हड़कंप मच गया.

नियाज अहमद खान ने एक के बाद एक 5 ट्वीट किए जिसमे उन्होंने लिखा कि उनके नाम के साथ खान लगे होने के कारण उन्हें अपनी सर्विस के दौरान बहुत कुछ भुगतना पड़ा है और खान सरनेम भूत की तरह उनका पीछा कर रहा है. दरअसल, नियाज खान ने ट्विटर पर अपना दर्द एक घटना के बाद लिखा. नियाज का आरोप है कि मंत्रालय में उनके सीनियर अफसर ने बैठक के दौरान उनसे दुर्व्यवहार किया. जिसके बाद उन्होंने काफी सोचा और आखिरकार सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना का जिक्र कर दिया.

आजतक ने नियाज अहमद खान से बात की तो उन्होंने बताया कि ‘मैने ट्विटर का सहारा लिया क्योंकि पानी सिर के ऊपर जा चुका था’. बातचीत के दौरान नियाज खान ने कहा कि ’17 सालों में 10 जिलों में 19 बार विभाग बदले गए या तबादले हुए लेकिन मैंने अपना काम हमेशा ईमानदारी से किया और ईमानदारी से काम करने के बावजूद मुझे हर वक्त निशाना बनाया गया’.

खान सरनेम को बताया वजह

नियाज अहमद खान ने बातचीत के दौरान कहा कि ‘मेरा निजी अनुभव है कि मैं जिस धर्म से आता हूं उसके कारण ही मेरे साथ ये सब कुछ हो रहा है क्योंकि मुझे कई बार ये अहसास कराया गया कि मैं किस धर्म से आता हूं’. नियाज ने गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो भोपाल में सालभर से हैं लेकिन उन्हें सरकारी घर तक नही दिया जबकि उनके साथ वाले लगभग सभी को मकान मिल चुका है.

नई किताब में लिखूंगा मुस्लिम होने का दर्द- नियाज

नियाज अहमद खान ने बताया कि उन्होंने अब तक 5 किताबें लिखीं और जल्द ही वो एक और किताब लिख रहे हैं जिसमें वो अपने अनुभव के आधार पर ये जरूर लिखेंगे कि मुस्लिम होने के कारण अफसरों को क्या क्या भुगतना पड़ता है.