जानिए, NRC समन्वयक रहे प्रतीक हजेला पर क्यों की गयी FIR दर्ज?

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एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टार समन्वयक रहे प्रतीक हजेला पर एनआरसी लिस्ट को अपडेट करने की प्रकिया के तहत सरकारी धन का गबन करने का आरोप लगा है।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इस पूरे मामले पर एक सीबीआई ने उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। सीबीआइ ने गैर सरकारी संस्था की रिपोर्ट के आधार पर ये एक्शन लिया है। फिलहाल अभी तक हजेला का इस विषय पर कोई बयान नहीं आया है।

इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हजेला पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच कराने के आदेश दिए। उनके खिलाफ दर्ज की गई शिकायत में कहा गया कि उन्होंने कम से कम 16,000 करोड़ रुपये का गबन किया है।

इसके अलावा हजेला ने अपने सलाहकार के तौर पर कई सेवानिवृत अधिकारियों कि नियुक्तियां भी की।

इस पूरी घटना पर असम सरकार के मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि एनआरसी प्रकिया में गई अनियमितता की रिपोर्ट जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी। बता दें पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने 1995 के बाद असम मेघालय कैडर के IAS हजेला को मध्य प्रदेश में ट्रांसफर किया गया था।

जानिए, NRC के बारे में
असम में विदेशी घुसपैठियों को पहचान के लिए एनआरसी को लाया गया था। वर्ष 1971 में बांग्लादेशी युद्ध में कुछ बंग्लादेशियों ने असम में प्रवेश किया था। इसलिए इस एनआरसी की लिस्ट में 25 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक थे या उनके पूर्व ज असम में थे।

असम प्रकिया को अपडेट करने लिए साल 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था। इसके तहत असम की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को जारी की गई थी। इस लिस्ट में काफी संख्या में लोगों के नाम शामिल नहीं था।

ऐसे में सरकार की तरफ से लिस्ट से बाहर किए लोगों की हरसंभव मदद कराने के भी आश्वसान दिया गया है। ऐसे में पश्चिम बंगाली की मुख्यमंत्री ने उनके इस बयान का विरोध किया था। इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिली थी।