इंडो- अरब हेल्पिंग हैंड: जानिए संकट की घड़ी में कैसे मदद पहुंचा रहा है!

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“कोविड-19 महामारी के दौर में इंडों अरब हेल्पिंग हैंड लोगों की परेशानी को बेहद आसान बना रहा है, प्रोफेसर आसिफ़ रमीज़ दाउदी ने इसे बनाया है जिसके जरिए अस्पताल में बेड से लेकर कर दवाइयां और आक्सीजन तक पहुंच बनाने में मदद कर रहा है”

कोविड-19 की चपेट में पुरी दुनिया है। लेकिन कोविड-19 की दुसरी लहर ने भारत को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है।

श्मशान से लेकर कब्रिस्तान तक सिर्फ़ लाशें दिखाई दे रही है। सबसे ज्यादा इस वक्त लोग मेडिकल क्राइसिस से गुजर रहे हैं। अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहे हैं, कहीं दवाईयों की किल्लत है या फिर कहीं आक्सीजन नहीं मिल पा रही है।

लेकिन एक बात तो साफ़ है इंसानियत अभी भी जिंदा है। वैसे तो कई संस्थाओं ने इस वक्त सेवा का काम संभाल रखा है लेकिन सऊदी अरब में कार्यरत प्रोफेसर आसिफ़ रमीज़ दाउदी ने जो काम किया है, उनके लिए तारीफ़ें बहुत कम पड़ेगीं।

प्रोफ़ेसर आसिफ़ रमीज़ दाउदी ने सोशल मीडिया पर एक इंडो अरब हेलपींग हैंड के नाम से फेसबुक पेज बनाया और फिर एक वाटस्अप ग्रुप बनाया। सऊदी अरब में बैठकर भी उन्होंने एक मिसाल कायम किया। मरीज़ों की जरूरत और मदद करने वालों के बीच एक पुल का निर्माण किया जिसे आसानी से जरुरतमंदों तक मदद पहुंचाई जाए।

प्रोफेसर आसिफ़ रमीज़ दाउदी रात दिन एक कर सोशल मीडिया पर सूचनाओं को लेते हैं और अपने ट्विटर हैंडल से उसे उन लोगों को टैग कर देते हैं जो लोग मदद करने का इस वक्त काम कर रहे हैं।

उनके इस मिशन से हिन्दुस्तान में लोगों को काफ़ी मदद मिल रही हैं। उनके इस मिशन से काफ़ी लोग जुड़ भी रहे हैं।

इंडो अरब हेल्पिंग हैंड इस वक्त यह काम करके लोगों को काफ़ी मदद पहुंचाया है। इस वक्त जब चारों तरफ़ चीखें पुकार लगी हुई हैं आसिफ़ रमीज़ दाउदी की यह कोशिश लोगों की जरूरतों को बेहद आसान बना रहा है।