बॉलीवुड में मुकाम बनाने वाली हस्तियों में से एक ऋषि कपूर का गुरुवार सुबह निधन हो गया।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, दशकों तक लोगों के दिलों में राज करने वाले ऋषि कपूर जीवन के आखिरी पलों में भी डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का मनोरंजन करते रहे। वे दो सालों से ल्यूकेमिया से पीड़ित थे।
यह बीमारी कैंसर का ऐसा रूप है जो शरीर के उस हिस्से को प्रभावित करता है जहां से हमें बाहरी संक्रमण से लड़ने की क्षमता मिलती है।
ब्लड बनाने वाले ऊतकों, के अलावा बोन मैरो और लिंफैटिक सिस्टम में होने वाले कैंसर की बीमारी को ल्यूकेमिया कहते हैं जिससे रोमांटिक किरदारों के सरताज ऋषि कपूर पीड़ित थे।
इस बीमारी की शुरुआत ऐसी जगह से होती है जहां से हमारे शरीर को हर संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है। व्हाइट ब्लड सेल्स WBC’s ही हमारे शरीर में संक्रमण से लड़ने की क्षमता विकसित करता है।
ल्यूकेमिया मरीज में WBC’s के असामान्य हो जाने के बाद शरीर में बाहरी आक्रमणों से लड़ने की क्षमता नहीं रह जाती और यह कमजोर हो जाता है।
अभी तक कैंसर की बीमारी के कारण का पता नहीं चला है। मायोक्लिनिक डॉट नेट के अनुसार, यह बीमारी जेनेटिक व पर्यावरण के कारण होता है।
इस बीमारी के सामान्य लक्षणों में बुखार, कमजोरी, वजन कम होना, हर बार संक्रमण, खूब पसीना आना और हड्डियों में दर्द शामिल है।
भारतीय सिनेमा के लिए यह सप्ताह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक दिन पहले ही इरफान खान के निधन से जिस गमगीन माहौल की शुरुआत हुई वह कम होने के बजाए दोगुना बढ़ गई जब दूसरे ही दिन सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर के निधन की सूचना मिली।
बुधवार रात को अभिनेता ऋषि कपूर को अस्पताल में भर्ती कराया गया और गुरुवार सुबह 8.54 पर इनका निधन हो गया। ये दो साल से ल्यूकेमिया से पीड़ित थे।
इनका इलाज दो साल पहले न्यूयार्क में शुरू हुआ था और ये स्वस्थ होकर भारत लौटे थे। उल्लेखनीय है कि राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ से करियर की शुरुआत करने वाले ऋषि कपूर को अपने डेब्यू रोल के लिए राष्ट्रीय सिनेमा पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।