क्या ईरान की ताक़तों से डर गया अमेरिका?, ज़ंग से पीछे हटा!

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ईरान की इक्सपीडियेंसी काउंसल के सचिव और आईआरजीसी के पूर्व कमांडर ने कहा है कि अमरीका को अच्छी तरह से ईरान की सैन्य शक्ति की जानकारी है।

इक्सपीडियेंसी काउंसल के सचिव मोहसिन रज़ाई ने अमरीका को चेतावनी देते हुए कहा, ईरान के ख़िलाफ़ एक छोटा सा क़दम पूरे क्षेत्र को जलाकर राख कर देगा और उसके बाद अमरीका और इस्राईल के लिए इस क्षेत्र में कुछ नहीं बचेगा।

आईआरजीसी के पूर्व कमांडर का कहना था कि अमरीका को ईरान के विकास और प्रगति से असली परेशानी है, वाशिंगटन का मानना है कि जितना ईरान प्रगति करेगा, उतना ही हमारे लिए ख़तरा उत्पन्न होगा, इसीलिए फ़ार्स खाड़ी और विश्व के ऊर्जा केन्द्र में एक स्वाधीन और बड़ी शक्ति का उभरना अमरीका को स्वीकार नहीं है, लेकिन अब समय बदल गया है और अमरीका की ताक़त दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है।

पश्चिमी विशेषज्ञों का भी मानना है कि अगर अमरीका, ईरान के साथ युद्ध में जाने का फ़ैसला लेता है तो विश्व की महाशक्ति के रूप में उसका यह अंतिम युद्ध होगा।

यह बात अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प और उनके जनरल्ज़ भी अच्छी तरह जानते हैं, इसीलिए वे ईरान पर दबाव बढ़ाने के लिए केवल आर्थिक प्रतिबंधों का सहारा ले रहे हैं और युद्ध से बच रहे हैं। मोहसिन रज़ाई का भी यही कहना है कि ईरान की रक्षात्मक शक्ति के कारण ही ट्रम्प ईरान से टकराने से बच रहे हैं।

उन्होंने कहा, अमरीकी अच्छी तरह से जानते हैं कि ईरान इतना शक्तिशाली हो चुका है कि अगर उन्होंने कोई छोटी सी भी ग़लती की तो पूरा क्षेत्र आग के शोलों में घिर जाएगा, जिसके बाद इस्राईल, अमरीका और उनके क्षेत्रीय घटकों के लिए यहां कोई चीज़ बाक़ी नहीं रहेगी।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, रज़ाई का कहना था कि ईरान क्षेत्र की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभर रहा है, जिसने अमरीका को गंभीर चिंता में डाल दिया है।

उन्होंने कहा, क्षेत्र में युद्धपोत और बमवर्षक तैनात करना सिर्फ़ एक बंदर घुड़की थी, क्योंकि वास्तविकता यह है कि अमरीका, ईरान से सीधा टकराव नहीं चाहता है, यही कारण है कि अमरीकी विमान वाहक युद्धपोत अब ईरान की सीमाओं से काफ़ी दूर जा चुका है, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके