कोरोना वायरस: पुरी दुनिया की लगातार बिगड़ने लगी है अर्थव्यवस्था!

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संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था करीब एक फीसदी तक सिकुड़ सकती है। पहले अर्थव्यवस्था में 2.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी होने का अनुमान जताया गया था।

 

कोरोना वायरस ना केवल हजारों लोगों की जिंदगी लील रहा है बल्कि इसका व्यापक असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। लोगों की आवाजाही ठप्प होने और देशों की सीमाएं सील हो जाने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था भी सुस्त हो रही है।

 

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएनडीईएसए) ने अपनी चेतावनी में कहा है कि अगर लोगों की आवाजाही और आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदियों की समयसीमा और बढ़ती है और यह साल की तीसरी तिमाही में जारी रहती है तो गिरावट अधिक हो सकती है।

 

एजेंसी का कहना है कि आय और उपभोक्ता खर्च के मामले पर दी जाने वाली आर्थिक मदद नाकाम रहती है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था और भी ज्यादा सिकुड़ने की आशंका है।

 

साल 2009 में वैश्विक मंदी के दौरान विश्व अर्थव्यवस्था में 1.7 फीसदी की कमी आई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, “वायरस के प्रसार का डर और बढ़ रहा है और विभिन्न रोकथाम उपायों की प्रभावकारिता के बारे में अनिश्चितता बढ़ रही है जिससे दुनियाभर के वित्तीय बाजारों में उथल पुथल का माहौल है।

 

वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव चरम पर था।

 

रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अच्छे परिदृश्य में निजी उपभोग, निवेश और निर्यात में मध्यम गिरावट की भरपाई, सात प्रमुख औद्योगिक देशों के साथ साथ चीन में सरकारी खर्च में बढ़ोतरी से हो सकती है, जिससे 2020 में वैश्विक विकास 1.2 फीसदी हो सकती है।