कोविड-19 सफल परीक्षण से पहले ही कई देशों ने दिया ऑर्डर!

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देश और दुनिया के लिए इकोनॉमी हमेशा से सबसे बड़ा मुद्दा रहा है लेकिन कोरोना ने दुनिया भर के देशों का ध्यान इकोनॉमी से हटा कर सिर्फ अपनी ओर खींच लिया है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए विश्व भर में अनेक टीकों पर अनुसंधान चल रहा है।

 

ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश टीकों का परीक्षण सफल होने से पहले ही लाखों डोज का ऑर्डर दे चुके हैं। सवाल ये उठता है कि अगर कोरोना वैक्सीन का कामयाब परीक्षण रहा तो गरीब देश अपने देश के के लिए वैक्सीन जुटाने में कामयाबी हासिल कर पाएंगे?

 

कोरोनावायरस के संभावित टीके की आपूर्ति दुनिया के सारे देशों में समान रूप से सुनिश्चित करने के मकसद से शुरू किए गए एक अभियान में 70 से अधिक धनवान देश जुड़ गए हैं।

 

अभियान के तहत संपन्न देश अपने नागरिकों के लिए भी अधिक टीकों का भंडार जमा कर सकते हैं।

 

टीका बनाने के लिए बने गठजोड़ ‘गावी’ ने बुधवार को एक बयान में कहा कि 75 देशों ने कहा है कि वे कम आय वाले ऐसे 90 अन्य देशों के साथ उसकी नई ‘कोवेक्स फेसिलिटी’ से जुड़ेंगे जिन्हें टीके मिलने की आस है।

 

 

एपी ने इस सप्ताह खबर प्रकाशित की थी कि गावी की पहल से अमीर देश अपने खुद के लिए कोरोना वायरस टीकों की आपूर्ति कर सकते हैं वहीं कुछ टीके अधिक संवेदनशील आबादी वाले देशों के लिए रख सकते हैं।

 

गावी के सीईओ सेथ बर्कले ने एक बयान में कहा अनेक देश, चाहे वे अपने लिए टीके खरीदने की क्षमता रखते हों या उन्हें मदद की दरकार हो, उनके लिए इस मिशन का उद्देश्य है कि जरूरी टीके मिलना सुनिश्चित हो तथा इस मामले में वे पिछड़े नहीं।

 

बर्कले ने माना कि टीकों की खरीद के संबंध में कोई प्रणाली नहीं है लेकिन गावी इस संबंध में संभावित समाधानों की दिशा में काम करने के लिए अमीर देशों से बात करेगा।

 

साभार- जागरण डॉट कॉम