कोविड-19: और बदत्तर हो सकते हैं हालात!

, ,

   

दुनियाभर में वैश्विक महामारी का रूप लेता जा रहा कोरोना वायरस आज हर किसी के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन चुका है हर दिन इस वायरस की चपेट में आने से संक्रमण ही नहीं बल्कि मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।

 

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, ऐसे में कुछ भी कह पाना और भी मुश्किल हो चुका है कि इस वायरस से प्रकोप से कब तक निजात मिल सकता है।

 

वहीं हाल ही में डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रॉस गेब्रियसेस ने कहा है कि यूरोप में भले ही कोरोना की स्थिति सुधरने लगी है लेकिन दुनिया के 75 प्रतिशत तक मामले दक्षिण एशिया और अमेरिका के दोनों महाद्वीपों सेे आ रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि पिछले दस दिनों में नौ दिन एक लाख से ज्यादा मामले प्रतिदिन रिकॉर्ड हुए हैं।

 

जंहा यह महामारी और भी बदतर रूप लेती जा रही है। छह माह से भी अधिक समय महामारी को बीत चुका है लेकिन कोई भी देश राहत की सांस नहीं ले पाया है।

 

उन्होंने कहा, अमेरिका के बाद ब्राजील इस महामारी का हॉटस्पॉट बन चुका हैै।

 

इस बीच, रैमन मैग्सेसे पुरस्कार देने वाले मनीला स्थित फाउंडेशन ने मंगलवार को कहा है कि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को ठप कर दिया है, ऐसे में हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है।

 

उन्होंने कहा कि पिछले 60 वर्षों में यह तीसरा मौका है जब इस अवॉर्ड समारोह को रद्द करने का फैसला लिया गया है।

 

वुहान में अगस्त 2019 में ही फैल गया था कोरोना: मिली जानकारी के अनुसार हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने दावा किया है कि कोरोना वायरस पिछले साल अगस्त की शुरुआत में ही चीन के वुहान में फैलने लगा था।

 

अस्पताल में मरीजों के जाने के पैटर्न की सैटेलाइट तस्वीरों और सर्च इंजन से प्राप्त डाटा पर किए शोध में यह निष्कर्ष सामने आया। हालांकि चीन ने रिपोर्ट को खारिज कर इसे हास्यास्पद करार दिया हैै।

 

शोधार्थियों ने कहा, हम पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि बढ़ी हुई मरीजों की संख्या सीधे कोरोना वायरस से संबंधित थी लेकिन हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं कि उस दौर में अचानक अस्पतालों में मरीज बढ़ेे।