कपड़े का मास्क गिला हो तो जरुर बदले, संक्रमण होने का खतरा रहता है!

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दुनियाभर में बढ़ता जा रहा कोरोना वायरस का कहर आज हर तरफ तबाही का कारण बन चुका है।  

 

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, हर तरफ इस वायरस के कारण खौफ और डर देखने को मिल रहा है, वहीं हर दिन इस वायरस की चपेट में आने से लाखों लोग संक्रमित और मौत का शिकार हो रहे है।

 

हर दिन तेजी से बढ़ता जा रहा मौत का आंकड़ा लोगों के लिए बड़ी परेशानी बनकर सामने आ रहा है, वहीं यदि दुनियाभर में मौत का आंकड़ा देश जाए तो अब तक 4 लाख 02 हजार से भी अधिक मौते हो चुकी है।

 

और इस वायरस ने अब तो पूरे मानवीय पहलू को हिला कर रख दिया हैै। जंहा देखों वहां केवल तबाही का मज़ार है खौफ है,डर है, आज तो लोगों का जीना और भी मुश्किल हो चला है।

 

वहीं सभी देशों की सरकारें आम जनता को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित करें। जहां संक्रमण ज्यादा है, वहां के लोगों को हर हाल में मास्क पहनना चाहिए।

 

इसके साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल और दुकानों में भी मास्क पहनना बेहद जरूरी है। सभी स्वस्थ लोगों को तीन परतों वाला फैब्रिक मास्क पहनना अनिवार्य बताया गया है।

 

इसमें सूत का अस्तर, पोलिएस्टर की बाहरी परत और बीच में पोलिप्रोपायलीन की बनी ‘फिल्टर’ हो। जो लोग बीमार हैं, वे ही केवल मेडिकल ग्रेड का मास्क पहनें।

 

जिन जगहों पर संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा है, वहां सभी लोगों को मेडिकल-ग्रेड का मास्क ही इस्तेमाल करना चाहिए। अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही मरीजों और वहां मौजूद सभी लोगों को मेडिकल- ग्रेड का मास्क पहनना होगा। मास्क के कुछ नुकसान भी हैंं।

 

कपड़े का मास्क गीला होने पर बदला न जाए तो संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही मास्क लगाने वाले लोग खुशफहमी का शिकार हो जाते हैं और सामाजिक दूरी का ध्यान नहीं देते। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि कोरोना से बचने के लिए सामाजिक दूरी और हाथों को समय पर धोना भी बेहद जरूरी है।

 

टेड्रोस ने कहा, ‘फेस मास्क इस खतरनाक कोरोना वायरस बीमारी को हराने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा भर है। इसके अलावा अन्य एहतियाती कदम भी अपनाया जाना चाहिए।

 

महज मास्क ही कोविड-19 से नहीं बचा सकता। इसके अलावा शारीरिक दूरी बनाने, हाथों को साफ रखने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के अन्य उपायों को किया जाना चाहिए।