कोविड-19: क्या भारत में तीसरे स्टेज की धमक आ चुकी है?

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ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 6412 हो गए हैं।

 

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, बड़ी संख्या में कोविड-19 के ऐसे मरीज निकल कर आए हैं जो किसी यात्रा पर भी नहीं गए थे और किसी और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में भी नहीं आए थे।

 

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के सामुदायिक प्रसार या कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में प्रवेश के नए संकेत उभर कर आए हैं।

 

इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) का डाटा बड़ी संख्या में कोविड-19 के ऐसे मरीज दिखा रहा है जो किसी यात्रा पर भी नहीं गए थे और किसी और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में भी नहीं आये थे।

 

यह डाटा विशेष रूप से सांस लेने की गंभीर बीमारी सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (एसएआरआई) के मरीजों की जांच से निकल कर आया है।

 

आईसीएमआर का कहना है कि 15 फरवरी से दो अप्रैल के बीच 5911 एसएआरआई मरीजों में से 104 कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे। इन 108 में से 40 मामले, यानी 39.2%, ऐसे थे जो ना देश से बाहर गए थे और ना ही किसी और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थेे।

 

ये मामले 21 राज्यों के 52 जिलों से आये हैं। इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए आईसीएमआर ने कहा है कि इन जिलों में महामारी की रोकथाम की कोशिशें विशेष रूप से होनी चाहिए।

 

ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 6412 हो गए हैं। जांच किए लोगों की कुल संख्या है 1,30,792. जांच किये जाने वाले लोगों की संख्या को धीरे धीरे बढ़ाया जा रहा है।

 

जहां बुधवार आठ अप्रैल को लगभग 13,000 सैंपलों की जांच हुई थी, वहीं गुरूवार को 16,002 सैंपलों की जांच हुई। आईसीएमआर ने जांच की रणनीति बदल दी है।

 

अब बीमारी के लक्षण जिनमें दिख रहे हों ऐसे लोगों के अलावा एसएआरआई के भी सारे मरीजों की जांच हो रही है।

 

इसके अलावा हर संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आए हर व्यक्ति की भी जांच हो रही।  कुल मामलों से में ठीक हो जाने वालों की संख्या है 504 और मरने वालों की संख्या है 199।

 

ओडिशा तालाबंदी को बढ़ाने वाला पहला राज्य बन गया है। 30 अप्रैल तक तालाबंदी जारी रहने की घोषणा करते हुए, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्र सरकार से भी ऐसा ही करने की अपील की।

 

ओडिशा उन राज्यों में है जहां महामारी के ज्यादा फैलने के संकेत अभी तक आए नहीं हैंं। वहां संक्रमण के कुल मामले 44 हैं, जिनमें से दो ठीक हो गए और एक की मौत हो गई।

 

महाराष्ट्र में अभी भी महामारी का प्रकोप सबसे गंभीर बना हुआ है। कुल मामलों की संख्या बढ़ कर 1364 और मरने वालों की संख्या बढ़ कर 97 हो गई है।

 

बिहार ने तालाबंदी के बीच देश भर से अपने गांव लौटने वाले 1.8 लाख प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग पूरी कर ली है और इनमें एक भी संक्रमण का मामला नहीं पाया गया है।

 

इनमें से करीब एक लाख श्रमिक अपने परिवारों के पास पहुंच गए थे और वहां उनका 14 दिन का क्वारंटीन पूरा होने वाला है। बाकियों को 3,115 क्वारंटीन केंद्रों में भेज दिया गया था।

 

साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी