मशहूर सीरीयल कबूल है के पहले एपिसोड में क्या है खास

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सियासत हिन्दी ने चर्चित सीरीयल ‘कुबूल है’ पर कुछ एपिसोड के अनुसार अपने दर्शकों के लिए समीक्षाएं पेश कर रही है। हमारा मकसद है कि हम इसे उन पाठकों तक पहुंचाए जो इसे देखकर और पढ़कर इसका लुत्फ़ उठा सके।

 

यह कहानी असद और जोया, जो अपने प्यार को कुबूल करने की कशमकश से इस कदर गुजर रहे हैं कि उनके लिए जिंदगी चारों ओर फैली रेत जैसी तपती हुई बन गई है।

 

 

यह है टीवी पर आने वाले जीटीवी के लोकप्रिय सीरियल ‘कुबूल है’ का एक इमोशनल सीन। असद बने करन सिंह ग्रोवर और जोया यानी रियल लाइफ में सुरभि के बीच आ जाती है ‘वो’ यानी तनवीर, जो दोनों के बीच गलतफहमी पैदा कर देती है और उनका निकाह टूट जाता है।

 

जोया और असद दोनों दुखी हैं। प्यार में मिले गम से टूटी जोया असद से दूर रहती है। लेकिन टीवी के अपने चहेते कपल असद और जोया को दर्शक भला दूर-दूर कैसे देख सकते हैं।

 

यह उनके प्यार की कशिश है कि दोनों की जिंदगी में राहत आती है हजरत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की कृपा से।

 

शो के आगे की कहानी में जोया अजमेर शरीफ पहुंचती है। वहां हजरत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जाती है।

 

गरीबों की मदद करती है। असद भी खुद को गुनहगार मानते हुए प्रायश्चित के लिए ख्वाजा के दरबार पहुंचता है। आखिरकार असद और जोया उस पाक जमीं पर अपनी बेपनाह मुहब्बत का इजहार करते हैं।

 

असद और जोया की जिंदगी में प्यार की बयार लेकर आए इस एपिसोड की शूटिंग अजेमर में ख्वाजा के दरबार में ही हुई।

 

वैसे तो शूटिंग के दौरान असद बने करण और जोया बनीं सुरभि तपती धूप और रेत पर आंसू बहा रहे थे, लेकिन ऑफ स्क्रीन होते ही पूरे क्रू की मस्ती शुरू हो जाती।

 

अपने शो की बढ़ती फैन-फॉलोइंग से खुश करन ने कहा कि ‘मैं और सुरभि अच्छे दोस्त हैं।

 

इसीलिए अपने किरदार में जब नहीं होते, तो मस्ती के मूड में आ जाते हैं। असद के चुनौती भरे किरदार में खुद को ढालने के लिए मैंने कड़ी मेहनत की है।’

 

एक कलाकार होने के नाते वह हर दिन कुछ नया सीखने और आसमान की ऊंचाइयों को छू लेने का सपना देखते हैं। अमिताभ और सलमान उनके पसंदीदा कलाकार हैं। थिएटर और जीटीवी का फैमिली शो ‘कच दिया वंगा’ में काम कर चुकी सुरभि अपने किरदार की तारीफ करते नहीं थकतीं।

 

बेहद नाजुक मानी जाने वाली सुरभि को सेट पर लोग राजकुमारी कह कर बुलाते हैं। उसका खास ख्याल रखा जाता है। वह कहती हैं ‘मेरा किरदार बड़ी खूबसूरती से गढ़ा गया है।

 

जोया हंसती है, हंसाती है लेकिन अपने गम किसी से नहीं बांटती। वह जानती है कि मुश्किल हालात में खुद को कैसे संभालना है।’

 

न्यूयॉर्क से आई लड़की का किरदार उन पर काफी फब रहा है। हालांकि शुरुआती दिनों में मुंबई के माहौल में ढलने में उन्हें वक्त लगा लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने दर्शकों का प्यार जीत ही लिया।

 

‘कुबूल है’ टीआरपी की दौड़ में कामयाबी हासिल कर रहा है लेकिन इसका मुख्य किरदार निभा रही सुरभि को डेली सोप देखने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उनका मन तो क्रिकेट और पुरानी फिल्में देखने में लगता है।

 

हालांकि सीरियल में बार-बार शादी से भागने पर उनके मम्मी-पापा अब डरते हैं कि कहीं वह असल जिंदगी में भी ऐसा न कर बैठें।

 

सीरियल की प्रोड्यूसर गुल खान ‘कुबूल है’ से पहले ‘बूगी-वूगी’, ‘संजीवनी’, ‘शाहीन’, `’गीत’ और ‘इस प्यार को क्या नाम दूं’ जैसे शोज से जुड़ी रही हैं।

 

‘कुबूल है’ के जरिए वह मुस्लिम समाज में आ रहे बदलाव दिखा रही हैं। उनके किरदार तरक्की पसंद हैं। वे बताती हैं कि उनके सीरियलों के गंभीर और संजीदा दिखते पुरुष किरदारों की प्रेरणा उन्हें अपने पति से मिली है।

 

साभार- अमर उजाला