कुवैत से भारतीयों को लाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश!

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से कुवैत में माफी प्राप्त कर चुके प्रवासी कामगारों को भारत लाने के बंदोबस्त के लिए दायर याचिका को उनका प्रतिवेदन मानकर उस पर विचार करे।

 

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मामले की सुनवाई की।

 

याचिकाकर्ताओं के वकील ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा, कुवैत में समस्या चल रही है। कुवैत सरकार उन्हें वापस भेजने के लिए सहमत हो गई है, लेकिन केंद्र से कोई अनुमति नहीं मिली है।

 

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि व्यवस्था की जा रही है और कई मापदंडों पर काम किया जा रहा है।

 

उन्होंने कहा कि चार भारतीयों, जिनके पास अवैध आवासीय परमिट हैं और कुवैत द्वारा माफी दी गई है, ने शीर्ष अदालत का रुख किया है। हालांकि राष्ट्रव्यापी बंद के कारण, वे भारत लौटने में असमर्थ हैं।

 

याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट जोस अब्राहम ने भी कहा कि लोग कुवैत में फंसे हुए हैं, जिन्हें निकाला जाना जरूरी है।

 

याचिका में कहा गया है कि कुवैत ने अपने यहां बगैर वैध दस्तावेज के रहने वाले तमाम लोगों को आम माफी दे दी है, लेकिन कोरोनावायरस महामारी की वजह से वे अपने देश नहीं लौट पा रहे हैं।

 

इन प्रवासियों को शुरू में लौटने की तैयारी के लिए 30 अप्रैल तक का वक्त दिया गया था, मगर कोविड-19 के कारण अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर लगे प्रतिबंध की वजह से याचिकाकर्ता और अन्य लोग भारत लौटने में असमर्थ हैं और इस समय हिरासत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।

 

इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं ने कुवैतस्थित भारतीय दूतावास में अपना आवेदन भेजकर विदेश मंत्री सहित अन्य अधिकारियों से गुहार लगाई है, मगर उन्हें भारत वापस भेजने के संबंध में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं