मिनाक्षी लेखी ने नडेला को निशाना बनाते हुए बोली- ‘साक्षर इंसान को शिक्षित होने की जरूरत’

,

   

नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध और समर्थन के सिलसिले के बीच माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला का अधूरा बयान और उसके बाद में उनकी सफाई को लेकर सियासत गरमा गई है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, बीजेपी ने भी इस पर करारा पलटवार किया है। भाजपा सांसद मिनाक्षी लेखी ने मंगलवार को कहा कि यह इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि साक्षर व्यक्ति को कैसे शिक्षित होने की जरूरत है।

मिनाक्षी लेखी ने टि्वटर पर पलटवार करते हुए कहा, ”साक्षर लोगों को शिक्षित होने की जरूरत कैसे है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण यही है। सीएए की सटीक वजह बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हुए पीड़‍ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता का मौका उपलब्ध कराना है।

 

लेखी ने भारतीय मूल के नाडेला पर तंज कसते हुए पूछा कि अमेरिका में यजीदी की बजाए सीरियाई मुस्लिमों को ऐसा ही अवसर देने के बारे में क्‍या राय है…?”

 

दरअसल, वेबसाइट बजफीड के एडिटर बेन स्मिथ ने सत्या नडेला से बातचीत के आधार पर सोमवार को एक ट्वीट किया जिसमें कहा गया था कि, ‘सत्या नडेला से भारत के नए नागरिकता कानून के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वहां जो हो रहा है, वह दुखी करने वाला है, यह बुरा है।

मैं भारत में एक बांग्लादेशी अप्रवासी को करोड़ों डॉलर की टेक कंपनी बनाने में मदद करते देखना या Infosys का CEO बनते हुए देखना पसंद करूंगा।’ इस बयान के सामने आते ही सोशल मीडिया पर दिग्‍गजों की सरगर्मी बढ़ गई।

नाडेला का बयान ट्वीट किए जाने के कुछ ही देर बाद ही रामचंद्र गुहा और बरखा दत्त समेत कई लोगों ने नडेला के विचारों की तारीफ की। गुहा ने कहा कि मुझे खुशी है कि सत्या को जो कहना था, उन्होंने वही कहा… मैं चाहता हूं कि हमारे अपने IT सेक्टर के बड़े लोग साहस और बुद्धिमानी के साथ ऐसा सबसे पहले कहने का साहस दिखाएं।

नाडेला के बयान को सियासत का हिस्‍सा बनता देख माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने इस पर सफाई दी और नडेला के पूरे बयान को ट्वीट किया।

 

नडेला ने स्मिथ के साथ बातचीत में जो बयान दिया था वह मुकम्‍मल बयान इस प्रकार है… मैं एक बांग्लादेशी प्रवासी को भारत में बड़ा होते हुए और इंफोसिस का सीईओ बनते हुए देखना चाहता हूं।

(पहले इतना ही बयान आया था अब आगे-) मैं यह नहीं कह रहा हूं कि किसी देश को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा या सीमाओं की सुरक्षा पर कुछ नहीं करना चाहिए।

हर देश की सरकार और वहां के नागरिक इस पर जरूर सोचेंगे, क्योंकि इमिग्रेशन एक बड़ा मसला है। हालांकि इसके साथ कौन कैसे डील करता है, प्रवासी कौन है और अल्पसंख्यक ग्रुप कौन है, यह एक संवेदनशील बात है।’