अयोध्या में पुजारियों ने मांग की है कि मंदिरों को तीर्थयात्रियों के लिए खुला रखा जाए।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने वैदिक ब्राह्मणों के लिए एक आर्थिक पैकेज की भी मांग की है, जो लॉकडाउन में भक्तों की अनुपस्थिति के चलते ‘दक्षिणा’ (प्रसाद) की कमी के कारण गहरे संकट में हैं।
अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने कहा, “अगर बाजार और शराब की दुकानों को संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है, तो मंदिर अभी भी बंद क्यों हैं?
हम मांग करते हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के अनुसार मंदिरों को भी इस पवित्र शहर में खोलने की अनुमति दी जाए।”
हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने कहा, भक्तों को परमात्मा का आहवाहन करने और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने मंदिरों को खोलना चाहिए।
एक अन्य समूह ने ब्राह्मणों के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की, जिन्होंने लॉकडाउन के कारण आय के सभी स्रोत खो दिए हैं।
वैदिक ब्राह्मणों के संगठन राम दल ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित कल्किराम ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ज्ञापन सौंपकर सरकारी धन की मांग की ताकि वे इस संकट से उबर सकें।
उन्होंने कहा, “पिछले 54 दिनों से लॉकडाउन चल रहा है और दान का पैसा पूरी तरह खत्म हो गया है। हमें मंदिरों की व्यवस्था बनाए रखने में समस्या हो रही है।”
वरिष्ठ संतों और द्रष्टाओं ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंदिरों को खोलने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख, महंत नरेंद्र गिरि ने भी इस संबंध में प्रधानमंत्री को लिखा था।