जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। सीआरपीएफ के आंतरिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह हमला खुफिया एजेंसी की विफलता का नतीजा था।
आपको बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला किया गया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
पत्रिका पर छपी खबर के अनुसार, हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।आपको बता दें कि जम्मू से तड़के 2.33 बजे सीआरपीएफ के 76वीं बटालियन के 2500 से ज्यादा जवान बसों में सवार हुए थे।
काफिला श्रीनगर से वापस लौट रहा था। सीआरपीएफ के अनुसार इस काफिले में 62 वाहन शामिल थे।
जब यह काफिला दोपहर 2.15 बजे के आसपास काजीगुंड पहुंचा तो इसमें 16 और वाहन शामिल हो गए और वाहनों की संख्या बढ़कर 78 हो गई। सूत्रों की मानें तो हमला ऐसे समय हुआ जब काफिला एक ऐसे वीरान रास्ते से गुजर रहा था, जो दिखने में असामान्य सा था।
सुरक्षा जानकारों की मानें तो खराब मौसम की वजह से जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर तकरीबन नगण्य यातायात के चलते सुरक्षा के लिहाज से यह एक आदर्श रणनीति होती। जैसे सीआरपीएफ का काफिला काजीगुंड से करीब 60 किलोमीटर पर पुलवामा पहुंचा तो आत्मघाती आतंकी ने हमला कर दिया।