झारखंड में बुरी तरह हार के बाद अब बिहार में बीजेपी के लिए भारी चुनौती!

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झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार के वजह से आगे सावधानियां बरतने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। जिस तरह बीजेपी के नेतृत्व में मोदी की लहर का दौर जिस रफ्तार से सभी राज्यों में पकड़ बनायी थी, अब धीरे- धीरे साख गिरता नजर आ रहा है।

हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी बहुमत से काफी कम 25 सीटें ही जीत पाई, जबकि जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन ने 47 सीटे हासिल कर जीत दर्ज की है।

इस विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की बनी आत्मविशवास को एक बहुत बड़ा झटका के रूप में साबित हुआ है। जिसके बाद से बीजेपी अब काफी सोच में पड़ गई है।

जिसे देखते हुए बीजेपी को एक बार फिर जनता के बीच बने आत्मविश्वास को जगाने के लिए काफी चूनौतीपूर्ण का सामना करना पड़ेगा। आने वाली बिहार की विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पहले से ही काफी मश्क्कत करनी पड़ेगी झारखंड के नतीजो के बाद बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है।

आने वाली बिहार विधानसभा चुनाव में नए तरीके जोड़ लगानी पड़ेगी। झारखंड जैसा ओवर कानफिडेंस का हाल रहा तो बीजेपी की अगली साख बिहार में गिरते नजर आएगी।

बीजेपी से विद्रोह कर निर्दलीय प्रत्‍याशी के तौर पर जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से उतरे सरयू राय का रघुबर दास पर काफी भारी पड़ गया। जिसकी वजह से पाटीयों में विद्रोह होने से सबक लिया जा सकता है कि आगे पार्टी की नींव को बनाए रखने के लिए टक्कर के बजाए समझौतापूर्ण हों।

लोकसभा चुनाव 2019 की मोदी प्रचंड में बीजेपी की सफलता के बाद पार्टी एक के बाद एक राज्‍यों में चुनाव हारते नजर आ रही है। झारखंड देश के सबसे गरीब राज्‍यों में से एक माना जाता है।

ऐसे में आर्थिक सुस्‍ती के दौर में सबसे ज्‍यादा असर झारखंड पर ही पड़ेगा। वही राज्‍य में बेरोजगारी की दर का स्तर भी काफी उपर है। जेएमएम का एक बार फिर से सत्ता में आना जाति के तौर पर देखा जा रहा है।

जहां इस बार के चुनाव में झारखंड की कुल आबादी में 30 फीसदी हिस्‍सेदारी वाले आदिवासी वर्ग के मतदाताओं ने जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन का साथ दिया तो वहीं पिछले चुनाव में बीजेपी और सहयोगी दल आजसू को सर्मथन मिला था।