लॉकडाउन में नौकरियों की कमी: Naukri.com पर नौकरी मांगने वालों के प्रोफाइलों की भीड़!

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COVID-19 महामारी भारत में कंपनियों और नौकरी चाहने वालों के लिए जारी है, नौकरी पोर्टल Naukri.com ने सोमवार को launched स्टेप-अप ’पहल शुरू की जो उन लोगों के प्रोफाइल को उजागर करेगी जिन्हें हाल ही में बंद किया गया है या तुरंत शामिल होने के लिए उपलब्ध हैं।

 

 

 

कंपनी ने एक बयान में कहा कि इन अनिश्चित समय में भर्ती करने वालों और नौकरी चाहने वालों की मदद करने के लिए काम पर रखने और कैरियर की प्रगति को सुविधाजनक बनाने का उद्देश्य है।

 

 

“भर्तियों के लिए, हमारी पहली पेशकश चिकित्सा, स्वास्थ्य देखभाल, फार्मा और दूरसंचार जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों में भर्ती करने वालों के लिए सेवाओं को काम पर रखने का मुफ्त गुलदस्ता है क्योंकि हम इन कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। Naukri.com के मुख्य व्यवसाय अधिकारी पवन गोयल ने एक बयान में कहा, “पाइपलाइन में कई और प्रसाद हैं।

 

Naukri.com ने घर (WFH) उत्पादकता, नौकरी खोज, अपस्किलिंग पाठ्यक्रम आदि से काम के दौरान कुछ उपयोगी सामग्री को क्यूरेट किया है ताकि नौकरीपेशा लोगों को इन बार नेविगेट करने में मदद मिल सके।

 

 

गोयल ने कहा, “इसके अलावा, कठिन दौर में अपस्किलिंग कोर्स, हायरिंग इनसाइट्स, सीवी असेसमेंट टूल्स आदि के साथ करियर की प्रगति पर एक पूरी गाइड है।”

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, कोरोनावायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले शुरुआती आंकड़ों पर गौर करें, तो यह काफी डराने वाले थे। इन आंकड़ों के आधार पर दावा किया गया था कि शहरी इलाकों में कोरोवायरस की वजह से बेरोजगारी दर बढ़कर 30.9 फीसदी हो जाएगी, जबकि ओवरऑल बेरोजगारी दर के 23.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था।

 

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के साप्ताहिक सर्वे के आंकड़ों पर गौर करें, तो मध्य मार्च में 8.4 फीसदी रहने वाली बेरोजगारी दर 5 अप्रैल तक बढ़कर 23 फीसदी हो गई है।

 

भारत के सांख्यिकीविद प्रनब सेन के मुताबिक अगर एक अनुमानित कैलकुलेशन के आधार पर लॉकडाउन के पिछले दो हफ्तों में करीब 50 मिलियन यानी 5 करोड़ लोगों बेरोजगार हुए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते ज्यादातर लोग अपने घरों को वापस चले गए हैं।

 

ऐसे में आने वाले कुछ महीनों में बेरोजगारी दर में अनुमानित आंकड़ों से कहीं ज्यादा का इजाफा देखा जा सकता है। मतलब लॉकडाउन के खत्म होने का बाद बेरोजगारी दर के सटीक आंकड़ों का पता लग सकेगा।

 

मिंट की खबर के मुताबिक जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ इकोनॉमिक्स हिमांशू ने कहा कि बेरोजगारी दर भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर देखने को मिल सकती है। आंकड़ों में दावा किया गया है कि पिछले हफ्तों में अमेरिका में करीब 1 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं।

 

उन्होंने कहा कि ऐसे में लॉकडाउन खत्म होने के बाद बेरोजगारी दर में कितना बढ़ोतरी होगी। यह देखना अहम हो जाएगा। हिमांशू की मानें, तो देश का लगभग एक-तिहाई कार्यबल अस्थायी होता है, जिनके पास इकोनॉमिक सेफ्टी और सिक्योरिटी नहीं होती है।

 

इससे अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में सरकार को लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए उचित कदम उठाने होंगे।

 

भारत में इस साल मार्च में जॉब हायरिंग में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।लीडिंग जॉब पोर्टल नौकरी डॉट डॉम के मुताबिक ट्रैवेल, एविएशन रिटेल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में जॉब हायरिंग में सबसे ज्यादा 56 फीसद की गिरावट दर्ज की गयी है।

 

नौकरी डॉट कॉम के चीफ ऑफिसर पवन गोयल ने कहा कि मार्च 2020 में नौकरी डॉट कॉम पर हायरिंग एक्टिविटी में 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। लोकडाउन के शुरुआती 10 दिनों में इसमें 10 फीसदी की गिरावट देखी गई है।