मध्यप्रदेश में सियासी खींचतान रोज नए मोड़ ले रही है। विधायकों के इस्तीफे हो रहे हैं, इस्तीफे संदेश वाहक के जरिए विधानसभा अध्यक्ष को भेजे जा रहे हैं।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, कमलनाथ सरकार के संकट में होने की बात कही जा रही है। भाजपा जहां राज्य सरकार को अल्पमत में बताते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रही है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि वह सदन में बहुमत परीक्षण के लिए तैयार है।
राज्य में बीते एक सप्ताह से सियासी घमासान मचा हुआ है, सरकार को समर्थन देने वाले 22 विधायक अपने इस्तीफे का ऐलान कर चुके हैं। इसके इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति तक पहुंचाए जा चुके हैं। प्रजापति नियम सम्मत कार्रवाई का भरोसा भी दिला चुके हैं। इस्तीफा देने वाले 19 विधायक इन दिनों बेंगलुरू में हैं।
सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों के इस्तीफे के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह सच्चाई है कि इस सरकार ने बहुमत खो दिया है, अब ऐसी सरकार कैसे राज्यपाल का अभिभाषण करा सकती है और सत्र बुला सकती है।
भाजपा के नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है, यह सरकार अल्पमत वाली सरकार है, मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए, राज्यपाल के अभिभाषण से पहले फ्लोर टेस्ट होना चाहिए। इन स्थितियों में राज्यपाल का अभिभाषण कैसे होगा, यह तय तो महामहिम को करना है।