पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य कुपोषण को देश से मिटाना है

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एफओबी, सीतामढ़ी द्वारा “पौष्टिक आहार का सेवन, श्रेष्ठ आरोग्य रहें हर क्षण” विषय पर वेब-गोष्ठी का किया गया आयोजन

 

 

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड आउटरीच ब्यूरो, सीतामढ़ी द्वारा आज “पौष्टिक आहार का सेवन, श्रेष्ठ आरोग्य रहें हर क्षण” विषय पर वेब-गोष्ठी का आयोजन किया गया।

वेब-गोष्ठी का संचालन करते हुए फील्ड आउटरीच ब्यूरो सीतामढ़ी के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी जावेद अख्तर अंसारी ने कहा कि सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य कुपोषण को देश से मिटाना है।

उन्होंने पोषण माह के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, इसी कड़ी में आज इस वेबीनार का आयोजन किया गया है।

वेब गोष्ठी में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल दूरदर्शन (समाचार), बिहार की उपनिदेशक श्वेता सिंह ने कहा कि पूरे देश भर में सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जाता है और यह तीसरा पोषण अभियान है। मीडिया की भूमिका पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा मूल उद्देश्य यह है कि हम डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पोषण अभियान को जनता तक कैसे पहुंचाएं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार की विभिन्न मंत्रालयों के माध्यम से इस अभियान को ग्रास रूट लेवल तक चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है। पोषक आहारों में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, फैट्स आदि होना चाहिए।

यूनिसेफ़, बिहार के पोषण सलाहकार अनूप कुमार झा ने पोषण आहार का सेवन क्या हो, क्यों हो और कैसे हो को लेकर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से चर्चा की। खाद्य सामग्रियों के सेवन पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जितनी भी चीजें सफेद रंग की होती हैं वह हमें ताकत देती हैं।

 

अधिकतर लाल या पीले रंग का भोजन शरीर का निर्माण करता है। हरे रंग की चीजें बीमारियों से लड़ने की ताकत देती हैं। शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम कार्बोहाइड्रेट, शरीर और मांसपेशियों के निर्माण करने का काम प्रोटीन का तथा शरीर को बीमारियों से बचाने और लड़ने में विटामिन ए, बी, सी, डी, के, कैल्शियम, लौह तत्व, आयोडीन आदि की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि लोगों को खासकर किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं को वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए 10 खाद्य समूह में से प्रतिदिन कम से कम 5 खाद्य समूह का सेवन करना चाहिए।

पीरामल फाउंडेशन, सीतामढ़ी के अतिरिक्त जिला परिवर्तन प्रबंधक विजय पाठक ने कहा कि किसी भी बच्चे का शुरुआती 1000 दिन गोल्डन पीरियड कहलाता है।

इस दौरान बच्चे पर सबसे अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि शुरुआती हजार दिन की महत्ता को लेकर जन जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में वीएचएसएचसी को फिर से पुनर्जीवित किया गया है और इसके सेवाओं में विस्तार भी किया गया है।

 

बैरगनिया, सीतामढ़ी की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) रंजना कुमारी ने कहा कि पोषण माह मार्च 2018 में शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि समग्र रूप से कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए ही पोषण माह की शुरुआत की गई है। लंबे समय तक पोषक आहार नहीं लेना कुपोषण कहलाता है। पोषण को जन आंदोलन बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।

 

संतुलित खाद्य एवं भोजन पर जोर देते हुए मोतिहारी के एमडी (मेडिसिन) डॉ पीके वर्मा ने कहा कि हमें अपने डाइट में 25% प्रोटीन, 25% फैट, 25% सेल्यूलोज और प्रतीक 25% सब्जियां एवं फल खाने चाहिए। यह हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है।

 

वेबीनार में रीजनल आउटरीच ब्यूरो के निदेशक विजय कुमार, पत्र सूचना कार्यालय के निदेशक दिनेश कुमार, सहायक निदेशक संजय कुमार सहित विभिन्न एफओबी कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी और आम श्रोता शामिल थें। धन्यवाद ज्ञापन एफओबी, सीतामढ़ी के क्षेत्रीय प्रचार सहायक ग्यास अख्तर ने किया