पीएम मोदी की तारीफ़ करने वाले जस्टिस मिश्रा को लेकर SCBA ने दिया बड़ा बयान!

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जस्टिस मिश्रा की तारीफ़ पर एससीबीए ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘एससीबीए का मानना ​​है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता संविधान की मूल संरचना है और ऐसी स्वतंत्रता को अक्षरश: और भावना के अनुरूप संरक्षित किया जाना चाहिए।’

 

एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे द्वारा जारी बयान में जजों से आह्वान किया गया है कि वे भविष्य में ऐसा बयान जारी नहीं करें और कार्यपालिका के साथ ऐसी नज़दीकी नहीं दिखाएँ।

 

एससीबीए ने कहा है कि ऐसी “निकटता और मेलजोल न्यायाधीशों की निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं” और इससे मुक़दमा लड़ने वालों में परिणाम के बारे में तर्कसंगत संदेह पैदा हो सकते हैं।

 

कुछ ऐसा ही बयान बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने भी जारी किया था। बयान में कहा गया था, ‘बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की कार्यकारी समिति का मत है कि धन्यवाद ज्ञापन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में माननीय श्री न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा द्वारा प्रशंसा और प्रशंसा के सांकेतिक शब्दों का उपयोग औपचारिक शिष्टाचार की शर्तों से परे है।

 

ऐसा कार्य निष्पक्षता और स्वतंत्रता की धारणा को कम करने और आम जनता के विश्वास को डगमगाने का काम करता है…।”

 

इस एसोसिएशन की ओर से इसके अध्यक्ष अधिवक्ता ललित भसीन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि जजों से अपेक्षा होती है कि वे संवैधानिक सिद्धाँतों और क़ानून का पालन करेंगे और कार्यपालिका के ख़िलाफ़ मामलों पर फ़ैसले देने की प्रक्रिया में भी।

 

साभार- सत्या हिन्दी