मजरूह सुल्तानपुरी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित उर्दू और हिंदी पुस्तकें भेंट की गयी!

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में मजरूह सुल्तानपुरी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित हाल ही में प्रकाशित उर्दू और हिंदी पुस्तकों की भेंट स्वीकार कर कविता और साहित्य मान बढ़ाया।

ज्ञात हो कि १ अक्टूबर २०१९ से शरू हो रहे मजरूह शताब्दी वर्ष को समर्पित इन पुस्तकों का शोध व संचयन मज्लिस फख्रे बहरैन के तत्वावधान में लेखकऔर सामाजिक कार्यकर्ता आसिफ़ आज़मी ने किया है।

संसद सदस्य मजीद मेमन के नेतृत्व में छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रपति महोदय ने औपचारिक रूप से इन पुस्तकों को प्रस्तुत करने का अवसर दिया।

प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में लेखकआसिफ़ आजमी, मज्लिस फख्रे बहरैन के संस्थापक, शकील अहमद सबरहदी, प्रकाशन कंपनी ग्रीन पेजेज़की सीईओ ज़ुनैराअंबरीन, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षक और जाने-माने आलोचक प्रोफ़ेसर शाफ़े क़िदवई, इग्नू के पूर्व रजिस्ट्रार व हिंदी साहित्यकार प्रोफ़ेसर जितेंद्र श्रीवास्तव शामिल थे।

सबसे पहले, मजीद मेमन ने राष्ट्रपति महोदय को पुष्पगुच्छ भेंट कर अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं। तत्पश्चात्, आसिफ़ आज़मी ने प्रतिनिधिमंडल का परिचय दिया और मज्लिस द्वारा किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया।

राष्ट्रपति ने प्रतिनिधिमंडल के साथ अनौपचारिक चर्चा में और शकील अहमद सबरहदी और आसिफ़ आज़मी को पुस्तकों के संचयन व प्रकाशन विशेषकर मजरूह फ़हमी के हिंदी अनुवाद के संकलन के लिए शुभकामनाएँ दीं, आशा व्यक्त की कि वे इसी प्रकार अपने कीर्तिमानों से भारत का झंडा ऊँचा रखें गे।

फोटो कैप्शन:
राष्ट्रपति को ‘मजरूह सुल्तानपुरी- एक अध्ययन’ भेंट करती हुई ज़ुनैरा अंबरीन, साथ में सांसद मजीद मेमन, लेखक आसिफ आज़मी, शकील अहमद सबरहदी, प्रोफेसर शाफ़े क़िदवई और प्रोफेसर जितेंद्र श्रीवास्तव