क्या जहां मलेरिया होने वाले देशों में खतरनाक तरीकों से नहीं फैल रहा है कोरोना वायरस!

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अभी तक भारत में लॉकडाउन को 13 दिन बीत चुके हैं। कोरोना वायरस से हमारी जंग को पूरी दुनिया में सराहा भी जा रहा है।

 

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, अब दुनियाभर के वैज्ञानिकों को लगने लगा है कि भारतीयों के पास सौभाग्य से कुछ ऐसी चीजें हैं जिनके कारण ये वायरस अपना जोरदार हमला देश में नहीं कर पा रहा है।

 

हाल ही में कई वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जिन देशों में मलेरिया संक्रमण अधिक है, वहां कोरोना वायरस अधिक लोगों को संक्रमित नहीं कर पा रहा है।

 

इसके उलट जहां मलेरिया की बीमारी बहुत पहले खत्म हो चुका है, वहां कोरोना का हमला बेहद खतरनाक है। मसलन, अमेरिका, इटली, इंग्लैंड, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैला है।

 

यहां औसतन कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या लाखों में पहुंच रही है। लेकिन भारत सहित सभी विकासशील देश जहां मलेरिया का प्रकोप है, वहां कोरोना वायरस के मामले यूरोपीय देशों के मुकाबले बहुत कम है।

 

पब्लिक हैल्थ फाउंडेशन ऑप इंडिया (PHFI) के चीफ डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस वक्त कोरोना वायरस से बचाव में मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) ही सबसे ज्यादा असरदार दवा के रूप में उभरी है।

 

अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया समेत कई यूरोपीयन देश इसी दवा से कोरोना वायरस का उपचार कर रहे हैं। हम वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना वायरस और मलेरिया देशों के बीच के सम्बन्ध की समीक्षा कर रहे हैं।

 

हालांकि अभी इस बारे में कुछ भी कह पाना उचित नहीं हैै। लेकिन ये बात सत्य है कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुतकम है।