मलेशिया में जुमे की नमाज में नहीं शामिल होने पर 6 लोगों को एक महीने जेल की सजा

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मलेशिया में छह मुस्लिमों को नमाज़ नहीं पढने और इस्लामी नियमों का उलंघन करने पर एक महीने जेल की सजा सुनाई गई है। मलेशिया में मुस्लिम पुरुषों के लिए शुक्रवार की प्रार्थना में भाग लेना अनिवार्य है। मगर, इससे पहले इस तरह की कठोर सजा दिए जाने का शायद ही कोई मामला सामने आया हो।

समाचार पत्र हरियन मेट्रो ने बताया कि गिरफ्तार किए गए मुस्लिम युवकों की उम्र 17 से 35 साल के बीच है। इन लोगों को शुक्रवार को नमाज में हिस्सा लेने के बजाय जलप्रपात में पिकनिक मनाते हुए पकड़ा गया था। रविवार को शरिया कोर्ट में उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद जेल की सजा के साथ ही उन पर 780 डॉलर का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया था।

फिलहाल उन्होंने सजा के खिलाफ अपील की है और अभी जमानत पर बाहर हैं। उन्हें मुस्लिम-बहुल मलेशिया के शरिया कानूनों के तहत अधिकतम दो साल की जेल हो सकती थी। अधिकार संगठन लॉयर्स फॉर लिबर्टी के जैद मालेक ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार की नमाज में शामिल नहीं होना एक निजी मसला है। इस तरह के कृत्यों को कुछ मुस्लिम समाज द्वारा अनुचित माना जा सकता है, लेकिन आपराधिक सजा अत्यधिक है और उन्हें सुधारने का यह तरीका नहीं है।