साहस है तो CAA-NRC को बीजेपी यूएन की निगरानी में जनमत कराए- ममता बनर्जी

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो वह एनआरसी व सीएए पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर इस समय पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं।

तोडफ़ोड़-आगजनी की घटनाओं ने प्रशासन की कमर तोड़ी हुई है। पुलिस आंदोलनकारियों को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग का सहारा ले रही है।

सरकार किसी भी हालत में सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेना चाहती है, जबकि विपक्षी दल उसे बैकफुट पर धकेलना चाहते हैं।

इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो वह एनआरसी व सीएए पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की निगरानी में जनमत संग्रह कराए।

क्या आजादी के 73 साल बाद अचानक हमें यह साबित करना होगा कि हम भारतीय नागरिक हैं। उस समय भाजपा का सिर और पूंछ कहां थी, भाजपा देश को विभाजित कर रही है। अपने विरोध को न रोकें, क्योंकि हमें सीएए रद्द कराना होगा। यहां हम किसी की दया पर नहीं रहते।

ममता के नेतृत्व में तीन दिन से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का विरोध जारी है। ममता ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने सबका साथ, सबका विकास की जगह सबका सर्वनाश कर दिया है।

आपसे देश का ध्यान रखने और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने की अपील करूंगी। आपका काम आग बुझाना है। आप यह सुनिश्चित करें कि देश सीएए की आग में न जले।

इस बीच पश्चिम बंगाल में आज व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। छात्र अपना विरोध जताने के लिए बड़ी संख्या में शहर के बीच एकत्रित हुए।

वहीं प्रमुख राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम दलों ने भी कोलकाता व अन्य जिलों में सभाएं की और जुलूस निकाले। विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र अलग-अलग बैनर पकड़े और तिरंगा लेकर मध्य कोलकाता के रामलीला मैदान में इकट्ठे हुए।

कई लोगों की कमीज पर लिखा था, नो कैब, नो एनआरसी। राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता अमिताभ चक्रवर्ती ने हालांकि कहा है कि राज्य प्रशासन ने रैली के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

उन्होंने कहा, सांप्रदायिक भाजपा को बैठकें और जुलूस निकालने के लिए हमेशा हरी झंडी मिल जाती है, लेकिन जब कांग्रेस महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित होकर एक सत्याग्रह आंदोलन करना चाहती है, तो सरकार इसे मंजूरी देने से इनकार कर देती है।

पिछले शुक्रवार से पश्चिम बंगाल में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं, जिसने प्रदेश को हिलाकर रख दिया है।

प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों, रेलवे स्टेशनों और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, वहीं प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रमुख राजमार्गों को भी अवरुद्ध कर दिया गया, जिससे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।