असम में NRC के तहत बड़ी तादाद में हिंदुओं को क्यों बाहर किया गया- ममता बनर्जी

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तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की यहां की यात्रा के कार्यक्रम से पहले भगवा पार्टी से स्पष्टीकरण मांगते हुए पूछा कि असम में एनआरसी से बड़ी तादाद में हिंदुओं को बाहर क्यों किया गया।

शाह नागरिक पंजी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर एक संगोष्ठी को संबोधित करने के लिए एक अक्टूबर को शहर का दौरा करेंगे। वह दो विषयों पर एक संगोष्ठी को संबोधित करने के अलावा एक सामुदायिक दुर्गा पूजा का शुभारंभ करेंगे।

डेली न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री ने बार-बार कहा है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) देश भर में क्रियान्वित किया जाएगा। असम में एनआरसी की अंतिम सूची को लेकर भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्था चटर्जी ने कहा, अपने आप को हिंदुओं का रक्षक बताने से पहले भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनमें से बड़ी संख्या में लोगों को असम में एनआरसी सूची से क्यों बाहर क्यों किया गया।

उन्होंने पूछा, भाजपा घुसपैठियों को बाहर करने के लिए एनआरसी के क्रियान्वयन पर जोर दे रही है। इसका मतलब है कि एनआरसी सूची से बाहर किये गये हिंदू घुसपैठिए हैं? अब वे क्या करेंगे?

यह संगोष्ठी ऐसे समय में हो रही है जब लोगों में दहशत पैदा हो गई है और उनमें से सैकड़ों लोग एनआरसी के लिए अपने जन्म प्रमाण पत्र और आवश्यक दस्तावेज एकत्रित करने की खातिर सरकारी कार्यालयों में और नगर निगम कार्यालय पहुंच रहे हैं।

हालांकि, टीएमसी सरकार ने आश्वासन दिया है कि एनआरसी क्रियान्वित नहीं की जाएगी। भाजपा शासित असम में अंतिम एनआरसी से बड़ी संख्या में हिंदू-बंगालियों को बाहर रखने से लोगों के बीच भय व्याप्त हो गया और अभी तक राज्य में छह लोगों की मौतें हो चुकी है।

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा, बंगाल में कई निर्दोष लोगों की मौतों के लिए भाजपा जिम्मेदार है। जो लोग हिंदुओं और मुस्लिमों को विभाजित करके वजूद में रहे, अब उन्होंने हिंदुओं और बंगालियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

प्रदेश भाजपा सूत्रों के अनुसार, शाह की संगोष्ठी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह टीएमसी के सभी आरोपों और एनआरसी को लेकर उसके द्वारा फैलायी जा रही ‘‘गलतफहमियों’’ पर बात कर सकते हैं।

प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘टीएमसी बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों को बचाने के लिए एनआरसी का विरोध कर रही है, जो पश्चिम बंगाल में उसका वोट बैंक है, लेकिन असम में एनआरसी सूची से कई हिंदुओं को बाहर किये जाने के बाद वह हमें हिंदू विरोधी और शरणार्थी विरोधी पार्टी घोषित करने की कोशिश कर रही है जो बंगाल में हमारी चुनावी संभावनाओं पर असर डाल सकता है।

भाजपा नेता ने कहा, हमें उम्मीद है कि शाह एनआरसी पर सभी डर और गलतफहमियों को दूर करेंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी पर हिंदुओं में भय व्याप्त करने के लिये बंगाल में एनआरसी को लेकर डर का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया।