एनआरसी के बाद अब नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ़ ममता बनर्जी ने खोला मोर्चा!

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी यानी एनआरसी और नागरिकता संशोधन विधेयक को एक ही सिक्के के दो पहलू करार देते हुए फिर दो-टूक कहा कि इसे बंगाल में लागू नहीं होने दिया जाएगा।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, संहति दिवस के मौके पर महानगर के मेयो रोड पर तृणमूल समर्थकों की सभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा-‘तृणमूल एक और आजादी की लड़ाई लड़ेगी।

ममता बनर्जी बोली संविधान के खिलाफ़ है
आप तैयार रहें। आजादी के 72 साल बाद अचानक से नागरिकता निर्धारित नहीं की जा सकती। मैं एनआरसी को नहीं मानती।’ भाजपा के पूरे देश में एनआरसी लागू करने के प्रस्ताव पर ममता ने कहा-‘यह संविधान के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ है।

अगर आप सभी समुदायों के लोगों को नागरिकता देंगे तो हम इसे स्वीकार करेंगे, लेकिन अगर आप धर्म के आधार पर भेदभाव करेंगे तो हम इसका विरोध करेंगे और इसके खिलाफ लड़ेंगे।

अगर किसी की नागरिकता गलत है तो फिर जो सरकार उनके वोट की बदौलत जीतकर आई है, वह भी गलत है।’

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह मुद्दा आर्थिक मंदी से ध्यान हटाने के लिए उठाया गया है। गौरतलब है कि केंद्र की ओर से सीएबी को नौ दिसंबर को संसद में पेश करने की अटकले हैं।

ममता ने इसपर कहा-‘आप (भाजपा) सीएबी को लोकसभा और राज्यसभा में पारित करा सकते हैं क्योंकि आपके पास बहुमत है लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे और अंत तक इसका विरोध करेंगे। धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं हो सकता। भारत धर्मनिरपेक्ष देश है।’

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुई घटना का जिक्र करते हुए ममता ने कहा-‘वहां की भाजपा सरकार ने दुष्कर्म पीड़िता को सुरक्षा प्रदान नहीं की। हैदराबाद और उन्नाव, दोनों मामले शर्मनाक हैं। पीड़िताओं के लिए मेरा दिल रोता है।

ऐसे अपराधों से निपटने के लिए सख्त कानून होना चाहिए।’ गौरतलब है कि उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीड़िता के अदालत जाते समय आग के हवाले कर दिया गया था।