ECL से अपना नाम हटाने के लिए मरियम नवाज़ ने लाहौर हाई कोर्ट का रुख किया!

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पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने शनिवार को विदेश यात्रा पर रोक लगने वाली निकास नियंत्रण सूची यानी ECL से अपना नाम हटाने के लिए लाहौर उच्च न्यायालय का रुख किया।

अमर उजाला पर छपी इस खबर के अनुसार, एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने की अधिवक्ता अमजद परवेज के माध्यम से याचिका दायर की है।

याचिका में संघीय सरकार, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अध्यक्ष, संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के महानिदेशक, पासपोर्ट और आव्रजन महानिदेशक और अन्य को उत्तरदाताओं के रूप में नामित किया गया है।

मरियम ने याचिका में कहा, अल-अजीजिया के संदर्भ में सजा सुनाए जाने के बावजूद मैं अपने पिता (पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ) के साथ पाकिस्तान लौट आई। उन्होंने कहा कि इस मामले में सुनवाई के दौरान उनकी बात सुने बिना उनका नाम ईसीएल में रख दिया गया था।

मरियम ने कहा है कि 20 अगस्त, 2018 को जारी किया गया ज्ञापन अवैध था। मैं नियमित रूप से अदालतों में पेश हो रही हूं इसलिए मेरी याचिका पर अंतिम फैसला होने तक विदेश यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए।

उन्होंने अपनी याचिका में लाहौर हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि उनका नाम ईसीएल में रखने को अमान्य घोषित करे और उस आदेश को अवैध घोषित करें। साथ ही कहा कि मेरे पिता की बीमारी के कारण मैं बहुत मानसिक तनाव में हूं और उन्हें भी मेरी जरूरत है।

मुझे याचिका पर अंतिम फैसला लेने तक विदेश यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए।

जस्टिस अली बकर नजाफी की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय लाहौर हाईकोर्ट की पीठ नौ दिसंबर को याचिका पर सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि नवाज शरीफ का अभी लंदन में इलाज चल रहा है।

बता दें कि इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में भी शरीफ, मरियम और सफदर ने अलग-अलग आवदेन कर गृह मंत्रालय से उनका नाम ईसीएल से हटाने का आग्रह किया था।

अपनी अर्जी में तीनों ने कहा था कि पाकिस्तान का निकास नियम 2010 उन पर लागू नहीं होता क्योंकि वे भ्रष्टाचार, अधिकारों के दुरुपयोग, आतंकवाद और अन्य किसी षड्यंत्र में शामिल नहीं हैं। इसलिए ईसीएल से उनके नामों की हटाया जाना चाहिए।

उस वक्त गृह मंत्रालय ने नवाज, मरियम और सेवानिवृत्त कैप्टन सफदर की अर्जी को खारिज कर दिया था। गौरतलब है कि पिछले साल 20 अगस्त को प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शरीफ परिवार के नामों को ईसीएल में दर्ज करने का फैसला लिया गया था।