जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के मामले में भारत को बड़ी कामयाबी मिली साथ ही चीन को तगड़ा झटका भी लगा। संयुक्त राष्ट्र ने पुलवामा आतंकी हमलों के जिम्मेदार जैश चीफ को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है।
JeM का प्रमुख मसूद अजहर मुंबई हमले का भी मुख्य आरोपी है। आपको बता दें कि भारत पिछले काफी समय से मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने के लिए जुटा हुआ था। लेकिन, बार-बार चीन इस मामले में वीटो का इस्तेमाल करता आया था।
UN designates JeM chief Masood Azhar as global terrorist
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— ANI Digital (@ani_digital) May 1, 2019
हालांकि, अब मसूद अजहर के वैश्विक आतंकी घोषित होेने के बाद चीन ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन को प्रस्ताव में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला जिसके बाद देश ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर लगी अपनी रोक को हटा लिया।
BREAKING: Masood Azhar to be blacklisted as global terrorist, confirms Pakistan MoFA. China has also withdrawn its opposition. pic.twitter.com/gbzWLVVW72
— TIMES NOW (@TimesNow) May 1, 2019
वहीं, इस पर भारत के राजदूत एवं संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट किया, ‘‘बड़े, छोटे, सभी एकजुट हुए। मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया गया है।
#WATCH Syed Akbaruddin, India’s Ambassador & Permanent Representative to the United Nations on designation of Masood Azhar as global terrorist says 'This is a significant outcome, we have been at it for several years, today the goal stands achieved' pic.twitter.com/4ImGs3zv9S
— ANI (@ANI) May 1, 2019
समर्थन करने के लिए सभी का आभार।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने अपनी रोक हटा ली है, अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘हां, हटा ली गई है।’’ भारत को सालों से किए जा रहे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम मिला है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने बुधवार को जैस-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया है।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए पिछले 10 सालों में भारत द्वारा चौथी बार प्रस्ताव रखा गया था।
चीन के बार-बार अड़ंगा लगाए जाने से मसूद अजहर अभी तक बचा हुआ था। बता दें कि ये प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में फरवरी में लाया गया था।