लेबनान धमाके में 70 से ज्यादा लोगों की मौत, 3000 से ज्यादा लोग घायल!

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लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार देर रात हुए धमाके में मरने वालों का आंकड़ा बुधवार सुबह 78 हो गया। चार हजार से ज्यादा लोग घायल हैं।

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इनमें से कई की हालत बेहद गंभीर बताई गई है। इस बीच लेबनान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि शिपमेंट में 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट था। धमाका किसी भूकंप की तरह था।

इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 240 किलोमीटर तक धमक महसूस हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह ट्वीट के जरिए घटना पर दुख जताया।

यह फोटोग्राफ धमाके के ठीक बाद की है। आसमान की तरफ उठता धुएं का गुबार देखा जा सकता है। ब्लास्ट की धमका 240 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।

 

 

धमाके के बाद लेबनान में डिफेंस काउंसिल की मीटिंग हुई। इसमें राष्ट्रपति भी शामिल हुए। बाद में प्रवक्ता ने कहा- यह कैसे स्वीकार किया जा सकता है कि एक वेयरहाउस में 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट 6 साल तक रखा रहा और किसी ने एहतियाती या सुरक्षा के कदम तक नहीं उठाए। देश में दो हफ्ते के लिए इमरजेंसी लागू कर दी गई है।

 

 

लेबनान के कस्टम विभाग ने घटना के लिए सीधे तौर पर पोर्ट चीफ को जिम्मेदार ठहराया। कस्टम हेड बादरी दहेर ने कहा- मेरा डिपार्टमेंट अमोनियम नाइट्रेट रखने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

 

 

धमाका इससे ही हुआ। इस घटना के लिए पोर्ट चीफ हसन कोरेटेम जिम्मेदार हैं। इस बारे में पोर्ट चीफ ने अब तक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

 

राजधानी बेरूत में मंगलवार रात बड़ा धमाका हुआ। तट के पास खड़े एक जहाज में विस्फोट हुआ, जो पटाखों से भरा हुआ था।

 

धमाका इतना भीषण था कि 10 किलोमीटर के दायरे में मौजूद घरों को नुकसान पहुंचा। धमाके से कारें तीन मंजिल तक उछल गईं। बिल्डिंग्स एक पल में धराशायी हो गईं।

 

लेबनान के होम मिनिस्टर ने बताया कि पोर्ट में भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट था। लेबनान कस्टम से पूछा जाना चाहिए कि इतनी भारी मात्रा में पोर्ट पर अमोनियम नाइट्रेट क्या कर रहा था? वहीं, दूसरी ओर लेबनान ब्रॉडकास्टर मायाडेन ने कस्टम के निदेशक के हवाले से बताया कि करीब एक टन नाइट्रेट में विस्फोट हुआ है।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस धमाके को भयानक हमला करार दिया। कहा- ये बेहद खतरनाक किस्म का हमला नजर आ रहा है। हम इस मुश्किल वक्त में लेबनान सरकार के साथ खड़े हैं। जांच में उनकी मदद करना चाहते हैं।