जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी का इस्तीफा नामंजूर, बुलाई गई आपात बैठक!

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जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया गया है। इस्तीफे पर 7 फरवरी को दिल्ली में बुलाई गई जमीयत वर्किंग कमेटी की बैठक में फैसला लिया जाएगा। मदनी ने इस संबंध में लेटर जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि जब तक इस्तीफे पर फैसला नहीं हो जाता वह संगठन के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे।

जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने बुधवार को अध्यक्ष मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी को बंद लिफाफे में अपना इस्तीफा भेजा था।

मदनी द्वारा उठाए गए इस कदम से कारी उस्मान परेशान हो उठे, लेकिन उन्होंने इस्तीफा मंजूर नहीं किया। बल्कि उसे वापस मदनी के पास भेजकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था।

रातभर मामले को लेकर गहमा गहमी रही। कारी उस्मान भी जमीयत के पदाधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए हुए थे। गुरुवार को मौलाना महमूद मदनी ने बयान जारी कर बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा कारी उस्मान को भेजा था, लेकिन उसे मंजूर नहीं किया गया।

उनके हुक्म और मशविरे से 7 फरवरी जमीयत उलमा-ए-हिंद की मजलिस-ए-आमला (वर्किंग कमेटी) की बैठक बुलाई गई है जिसमें इस्तीफे पर चर्चा की जाएगी।

वहीं मदनी ने कहा कि जब तक इस्तीफे पर फैसला नहीं हो जाता वह पूर्व की भांति अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे। मदनी के इस फैसले को लेकर जमीयत के पदाधिकारियों ने खुशी जताई है।

साभार- ‘अमर उजाला’