देशभर में लगभग 65.4 फीसदी और असम में 76.9 फीसदी लोग चाहते हैं कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, 66 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस विचार का विरोध किया है।
यह बात आईएएनएस-सीवोटर के एक सर्वेक्षण में सामने आई है। यह सर्वेक्षण 17 से 19 दिसंबर के बीच देशभर में तीन हजार से अधिक लोगों के बीच किया गया। इस अवधि के दौरान असम, पूर्वोत्तर के राज्य और अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात की गई।
सर्वेक्षण के अनुसार, देशभर में 65.4 फीसदी लोग एनआरसी को लागू करना चाहते हैं, जबकि 28.3 फीसदी लोगों ने इसका विरोध किया है। वहीं 6.3 फीसदी लोग इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहते है। उन्होंने कहा कि वह इसके बारे में नहीं जानते हैं।
मुसलमानों में हालांकि 66.2 फीसदी लोग नहीं चाहते कि एनआरसी को देशभर में लागू किया जाए, जबकि 28.5 फीसदी लोगों ने इस विचार का समर्थन किया है। हिंदुओं में 72.1 फीसदी लोगों ने एनआरसी का समर्थन किया, जबकि 21.3 फीसदी लोगों ने इसका विरोध किया।
रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया है कि पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण भारत में क्रमश: 65.9, 67.5, 73.8 और 52.1 फीसदी लोग चाहते हैं कि एनआरसी पूरे देश में लागू होनी चाहिए।
जबकि पूर्व में 31.4, पश्चिम में 22.1, उत्तर में 20.1 और दक्षिण भारत में 40.6 फीसदी लोग नहीं चाहते कि एनआरसी देश में लागू हो।