कोरोना वायरस: अस्पताल ने मुसलमानों का इलाज़ नहीं करने को लेकर अखबारों में दिया विज्ञापन, बढ़ा विवाद!

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चीन के वूहान शहर से फैले कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया है। दुनियाभर के साथ भारत भी इस महामारी से बुरी तरह जूझ रहा है।

 

न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, कइसी जंग के बीच उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक शर्मनाक मामला प्रकाश में आया है।

 

यहां के एक प्राइवेट अस्पताल ने मुस्लिम समुदाय को कोरोना महामारी का खतरा बता उनके उपचार पर पाबंदी लगा दी है।

 

 

इतना ही नहीं अस्पताल ने इस संबंध में समाचार पत्र में एक विज्ञापन भी दे दिया है। सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन के वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है।

 

 

हालाँकि, हंगामा मचने के बाद अस्पताल ने दोबारा समाचार पत्र में स्पष्टीकरण देकर माफी मांगी है। इस बीच मेरठ पुलिस ने ट्वीट करते हुए कहा है कि इस मामले में कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

 

 

आपको बता दें कि राजस्थान के भरतपुर जिले के सरकारी अस्पताल से भी ऐसा ही मामला सामने आया था। अस्पताल पर आरोप लगा था कि उसने गर्भवती महिला को भर्ती करने से इस वजह से मना कर दिया था क्योंकि वह मुस्लिम थी।

 

अस्पताल से निकलने के बाद महिला ने एंबुलेंस में बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन कुछ ही देर में नवजात की मौत हो गई थी। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था।