ट्रम्प की पत्नी ने विदाई भाषण में दिया बड़ा बयान!

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अमेरिकी संसद परिसर में हिंसा के लगभग दो हफ्ते बाद अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप ने अपने विदाई भाषण में कहा कि हिंसा को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता।

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हिंसा को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ बताया था।

बतौर फर्स्ट लेडी आखिरी बार बोलते हुए मेलानिया ने एक वीडियो संदेश में कहा कि आप जो कुछ भी करते हैं उसको लेकर उत्साहित रहें, लेकिन हमेशा याद रखें कि हिंसा किसी चीज का जवाब नहीं है और कभी भी इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता।

गौरतलब है कि जो बाइडन 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने वाले हैं।छह जनवरी को ट्रंप के उकासने पर सैकड़ों की तदाद में उनके समर्थकों ने अमेरिकी संसद परिसर पर धावा बोल दिया था और यहां जमकर उपद्रव मचाया।

इस दौरान संसद में बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की कार्यवाही चल रही थी। इस दौरान पांच लोगों की मौत हो गई। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप धांधली का आरोप लगाता रहे हैं।

उन्होंने अपने हजारों समर्थकों के बीच एक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी और गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसके बाद ही ट्रंप समर्थक कैपिटल हिल परिसर में घुस गए थे।कोरोना महामारी के कारण अमेरिका में काफी लोगों की मौत हुई है।

इसे लेकर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने लोगों से सुरक्षित और सावधानी बरतने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि अब ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है,क्योंकि कोरोना टीका उपलब्ध है और टीकाकरण भी हो रहा है।

उन्होंने कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और नर्सों, डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मचारियों समेत अन्य लोगों को धन्यवाद दिया जो जीवन बचाने के लिए काम कर रहे हैं।

कोरोना महामारी के कारण अमेरिका में काफी लोगों की मौत हुई है। इसे लेकर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने लोगों से सुरक्षित और सावधानी बरतने का आग्रह किया।

उन्होंने यह भी कहा कि अब ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है,क्योंकि कोरोना टीका उपलब्ध है और टीकाकरण भी हो रहा है।

उन्होंने कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और नर्सों, डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मचारियों समेत अन्य लोगों को धन्यवाद दिया जो जीवन बचाने के लिए काम कर रहे हैं।