#MeToo मामले नाना पाटरेकर को मिली क्लीन चिट, तनुश्री ने बताया सिस्टम को करप्ट

   

मुंबईएक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मुंबई पुलिस ने गुरुवार को अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ मीटू मुहिम के तहत दायर यौन उत्पीड़न मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी.

मुंबई पुलिस के प्रवक्ता व पुलिस उपायुक्त मंजुनाथ शिंगे ने कहा, “हां, हमने अदालत के समक्ष बी-समरी रिपोर्ट दाखिल की है.”

पुलिस ने कथित तौर पर पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के बाद यह कदम उठाया है. इसके साथ ही इस मामले को खत्म कर दिया गया.

तनुश्री दत्ता के वकील, नितिन सातपुते ने कहा कि वह इस मामले में पुलिस के उठाए कदम को चुनौती देंगे.

सातपुते ने कहा, “यदि पुलिस सारांश रिपोर्ट के किसी भी बी या सी वर्गीकरण को दर्ज करती है, तो वह अंतिम नहीं हो सकती. हम न्यायालय के समक्ष इसका विरोध करेंगे. सुनवाई के बाद, यदि अदालत संतुष्ट है, तो वह पुलिस को फिर से जांच करने का निर्देश दे सकती है.”

उन्होंने पुलिस पर पूरे मामले में कई अन्य गवाहों के बयान दर्ज न करने और आरोपी की सुरक्षा के लिए केवल ‘एक या दो’ गवाहों के बयानों पर भरोसा करने को लेकर निशाना साधा और मामले में ठीक से जांच नहीं करने का आरोप लगाया.

सातपुते ने आगे कहा, “इसे देखते हुए हम बी सारांश रिपोर्ट का विरोध करेंगे और बॉम्बे उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका भी दायर करेंगे.”

इस फैसले को लेकर तनुश्री दत्ता ने पुलिस समेत सारे सिस्टम को करप्ट बताया है. उन्होंने कहा कि नाना पाटेकर ने बॉलीवुड की कई एक्ट्रेस को हैरास किया है. वहीं केस को कमजोर बनाने के लिए झूठे सबूतों को आधार बनाया गया.

तनुश्री ने ये भी कहा कि मैं इस फैसले से ज्यादा सप्राइज नहीं हूं. भारत में औरतों के साथ इस तरह की नाइंसाफी होना आम है. जब रेप के आरोपी आलोकनाथ को क्लीनचिट मिल सकती है तो नाना पाटेकर को क्लीन चिट मिलना भी बड़ी बात नहीं है.

तनुश्री ने एक बयान में कहा, “हमारे गवाहों को डराया धमकाया गया है और मामले को कमजोर करने के लिए नकली गवाहों को रखा गया है. जब मेरे सभी गवाहों ने अभी तक अपने बयान दर्ज नहीं किए हैं, तो बी समरी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए क्या हड़बड़ी थी? मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं हूं और ना ही आश्चर्य में हूं, भारत में एक महिला होने के नाते यह एक ऐसी चीज है, जिसकी हम सभी को आदत है.”

तनुश्री दत्ता ने सितंबर 2018 में पाटेकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने एक दशक पहले, 2008 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान की घटना का जिक्र करते हुए नाना पर कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, लेकिन उन्होंने (पाटेकर) ने उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया था.