पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी को मानहानि मामले में राउस एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, एमजे अकबर द्वारा प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार ने रमानी को बरी कर दिया है।
मीटू अभियान के क्रम में रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। प्रिया रमानी ने अकबर के खिलाफ 15 अक्टूबर, 2018 को शिकायत दायर की थी।
इसके बाद अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था। एक फरवरी को मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मीटू अभियान के क्रम में पत्रकार प्रिया रमानी ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।
इसके बाद ट्विटर पर चले इस अभियान में कई अन्य महिलाओं ने भी अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। नतीजतन, अकबर ने 17 अक्टूबर, 2018 को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद उन्होंने प्रिया रमानी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए अदालत में रमानी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।
अक्टूबर 2017 में वैश्विक स्तर पर यौन उत्पीड़न और यौन हमले के खिलाफ मीटू-हैशटैग के साथ अभियान शुरू किया गया था।
इस अभियान के तहत एलिसा मिलानो नामक अभिनेत्री ने हॉलीवुड के फिल्म निर्माता हार्वी वाइंस्टाइन के खिलाफ सबसे पहले अपनी बात कही थी।
भारत में भी इस अभियान के जरिये कई नामी हस्तियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए फेसबुक-इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट वायरल हुई थी।
इसके तहत अभिनेता आलोक नाथ, अभिनेता नाना पाटेकर, निर्देशक विकास बहल, उपन्यासकार चेतन भगत, अभिनेता रजत कपूर, गायक कैलाश खेर, मॉडल जुल्फी सईद, गायक अभिजीत भट्टाचार्य आदि लोगों पर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।