मेवात: मुस्लिम बहुल सीटों पर बीजेपी ने पुरी ताक़त झोंकी!

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हरियाणा में भाजपा ने भले गठबंधन से 2014 में सरकार बना ली। लेकिन मेवात के सूखे को मोदी लहर में भी खत्म नहीं कर पायी। हरियाणा विधानसभा के इतिहास में सिर्फ एक बार भाजपा मेवात में जीती है।

हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, 1996 में 23 साल पहले हरियाणा विकास पार्टी की मदद से भाजपा ने जीत हासिल की। तत्कालीन तावडू विधानसभा सीट पर कंवर सूरज पाल सिंह को तब जीत मिली थी।

उससे पहले और बाद में कभी भी भाजपा मेवात की किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी। भाजपा ने झोंकी जान हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले मेवात में कमल खिलाने के लिए भाजपा ने पूरी जान झोंक दी है। मेवात में कमल खिलाने के लिए हर मोर्चे पर किलेबंदी की जा रही है।

मेवात क्षेत्र के बड़े नेताओं में शामिल विधायक चौधरी जाकिर हुसैन, नसीम अहमद और रईशा खान को भाजपा में लाया गया है। ताकि इनके जरिए मेवात के किले को भेदकर कमल को खिलाया जाए। इसके अलाव मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए मुस्लिम तबके को साधने की कोशिश की है।

मेवात में विधानसभा की तीन सीटें हैं। जिनमें नूंह (मेवात), फिरोजपुर झिरका और पुन्हना शामिल हैं। तीनों सीट पर जीत के लिए चक्रव्यूह रचा गया है।

हार के रिकार्ड को तोड़ने के लिए वर्तमान में नूंह से विधायक चौधरी जाकिर हुसैन, फिरोजपुर झिरका से विधायक नसीम अहमद और पुन्हना से विधायक रईशा खान को भाजपा में लाया गया है।

ताकि इनके जरिए तीनों सीट जीतकर रिकार्ड बनाया जाए। लोकसभा में भी भाजपा रही थी पीछे लोकसभा चुनावों में जहां मोदी लहर में भाजपा दोबारा पूर्ण बहुमत से सरकार में लौटी।

गुरुग्राम लोकसभा में राव इंद्रजीत को बड़ी जीत मिली। लेकिन मेवात क्षेत्र में भाजपा हर बार की तरह पीछे रही। लोकसभा चुनाव में फिरोजपुर झिरका क्षेत्र में भाजपा को सिर्फ 19.14 फीसदी वोट मिले। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन अजय सिंह यादव को 78 फीसदी से अधिक मत मिले।