मेवात की मुस्लिम महिला संस्कृत की लेक्चर बनकर रच दी इतिहास

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फिरोजपुर झिरका उपमंडल के गांव अहमदबास की बहू शबनम ने संस्कृत विषय में पीजीटी का कर इलाके का नाम रोशन किया है। शबनम मेवात क्षेत्र की पहली मुस्लिम महिला हैं, जिन्होंने संस्कृत जैसे विषय में लेक्चरर बन इतिहास रचा है।

शबनम की यह उपलब्धि बेटियों के लिए एक प्रेरणादायक है। शबनम ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि उनका बचपन से ही संस्कृत विषय में लेक्चरर बनने का सपना था।

शादी के बाद लगा कि सपना कभी पूरा नहीं हो सकेगा, लेकिन पति सरफराज अंजुम ने मेरे हौसलों को उड़ान दी। शबनम कहती हैं कि संस्कृत विषय को दूसरे समुदाय के लोगों का विषय माना जाता है लेकिन ऐसा नहीं है।

समाज के हर व्यक्ति को इसकी समझ होनी चाहिए। शबनम की अहमदबास गांव में शादी हुई थी और वे राजस्थान की रहने वाली हैं। उनके पिता अलवर में वकील हैं।

भाई समीउल्ला खान बीएसएनएल में एसडीओ हैं, जबकि दूसरे भाई नाजिम हुसैन वकालत से जुड़े हुए हैं। शबनम के तीसरे भाई ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लंदन से पढ़ाई की है। वह इंग्लैंड में ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। चौथे भाई बेंगलुरु की एक नामी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।

शबनम की तीन बहनें भी सरकारी पदों पर काबिज हैं। इसी के चलते उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। शबनम ने बताया कि वह नूंह क्षेत्र की बेटियों को तालीम देकर उन्हें सशक्त बनाना चाहती हैं।

साभार- ‘दैनिक जागरण’